tag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post3182659923866352818..comments2024-03-20T18:53:50.936+05:30Comments on यश पथ (Yash Path): गेहूं का खेत और सभ्यताYashwant R. B. Mathurhttp://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-10291883134794396442022-05-17T08:28:19.360+05:302022-05-17T08:28:19.360+05:30बहुत बढ़िया कहा। समय बहुत तेजी से अपना रुख बदल रहा ...बहुत बढ़िया कहा। समय बहुत तेजी से अपना रुख बदल रहा है। इंसान होश में नहीं है।<br />गजन लिखते हो।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-11903263862186105432022-03-30T15:28:03.599+05:302022-03-30T15:28:03.599+05:30बहुत प्रभावशाली रचना और पाठन, वाकई गाँव के गाँव नि...बहुत प्रभावशाली रचना और पाठन, वाकई गाँव के गाँव निगलती जा रही है आज की बढ़ती हुई कंक्रीट की सभ्यता, शहरों के सुरसा जैसे बढ़ते हुए मुख लील रहे हैं खेतों को, लेकिन इसके बावजूद अभी भी देश में अन्न उपज रहा है, शायद इसके लिए काटे जा रहे हैं जंगल Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com