tag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post6603248654087528102..comments2024-03-20T18:53:50.936+05:30Comments on यश पथ (Yash Path): शायद रूठ गयी है गौरय्याYashwant R. B. Mathurhttp://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-8219029220033183072011-01-21T10:04:28.460+05:302011-01-21T10:04:28.460+05:30सही लिखा है । पहले तो गौरैया ही हमें नींद से जगाती...सही लिखा है । पहले तो गौरैया ही हमें नींद से जगाती थी । अब मशीनी जीवन की तरह हम जागते भी अलार्म घड़ी से हैं ।निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-87446951332327855482011-01-20T19:07:35.717+05:302011-01-20T19:07:35.717+05:30इन पंक्तियों को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बह...इन पंक्तियों को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.<br /><br />@कविता जी आपने सच कहा...इन पंक्तियों में बिलकुल सच्ची बातों को अभिव्यक्त किया है.Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-19685937816184886882011-01-20T02:32:26.031+05:302011-01-20T02:32:26.031+05:30बहुत सुंदर रचना, लेकिन यह चिडिया सच मे अब नही दिखा...बहुत सुंदर रचना, लेकिन यह चिडिया सच मे अब नही दिखाई देती, पहले तो हम तंग हो जाते थे इस के शोर से गर्मियो मे हमारे घर के रोशनदान मे जरुर इस का घोसला बनता थाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-63391069188839336932011-01-19T20:15:24.523+05:302011-01-19T20:15:24.523+05:30सच में रूठ गयी गौरय्या...
बहुत अच्छी रचना...!!सच में रूठ गयी गौरय्या...<br />बहुत अच्छी रचना...!!Dinesh Mishrahttps://www.blogger.com/profile/15447471578144578512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-86747919571625094192011-01-19T13:04:36.265+05:302011-01-19T13:04:36.265+05:30पक्षियों की कई प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं.गौरैय्य...पक्षियों की कई प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं.गौरैय्या का लुप्त होना भी उनमें से एक है.आपकी चिंता वाजिब हैKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-37398325285699903722011-01-19T12:28:57.504+05:302011-01-19T12:28:57.504+05:30पर्यावरण ही बदल गया है ...आज कहाँ मिलती है गौरिया ...पर्यावरण ही बदल गया है ...आज कहाँ मिलती है गौरिया ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-70170134719047476622011-01-19T12:28:44.528+05:302011-01-19T12:28:44.528+05:30बहुत अच्छी रचना... पढ़कर अहसास हुआ कि शायद सच में ...बहुत अच्छी रचना... पढ़कर अहसास हुआ कि शायद सच में रूठ गयी गौरय्या...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-46565660817863610912011-01-19T06:41:21.122+05:302011-01-19T06:41:21.122+05:30एक वरिष्ठ साहित्यकार ने आपसी बातचीत में कहा कि घ...एक वरिष्ठ साहित्यकार ने आपसी बातचीत में कहा कि घरों में जाली लगा कर मच्छरों तक को तो रोक दिया है, गौरइया कहां से आए.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-26789451041115980992011-01-18T23:43:35.831+05:302011-01-18T23:43:35.831+05:30सच में अब आँगन में फुदकने वाली गौरैया कहीं नज़र नही...सच में अब आँगन में फुदकने वाली गौरैया कहीं नज़र नहीं आती...... बहुत सुंदर डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-33779901416737440212011-01-18T19:09:28.056+05:302011-01-18T19:09:28.056+05:30यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
कविता के साथ चित्र भी बहुत स...यथार्थमय सुन्दर पोस्ट<br />कविता के साथ चित्र भी बहुत सुन्दर लगाया है.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-70256956172447535972011-01-18T18:32:33.837+05:302011-01-18T18:32:33.837+05:30लेकिन
अब न बचपन है
और न गौरय्या
शायद रूठ गयी है...लेकिन <br />अब न बचपन है <br />और न गौरय्या <br />शायद रूठ गयी है<br />गौरय्या<br />अब नज़र नहीं आती<br />गौरय्या<br />......मन के कोने में दबी एक आवाज ...भूली बिसरी यादों के बीच ..कितना बदल जाता है सबकुछ वक्त के साथ..<br />सुन्दर चिंतनशील प्रस्तुतिकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-39948405893261368502011-01-18T16:48:41.118+05:302011-01-18T16:48:41.118+05:30वक्त के साथ सब बदल जाता है।वक्त के साथ सब बदल जाता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6931437441215010881.post-18130839403160140352011-01-18T16:00:10.601+05:302011-01-18T16:00:10.601+05:30bahut badhiya...bahut badhiya...arvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.com