बहुत खामोशी से
दिल को झकझोर देती हैं यादें
जाने क्यों इतनी कठोर होती हैं यादें
मैं भूलने की कोशिश तो करता हूँ
पर कुछ भूल नहीं पाता हूँ
क्यों इतना कमजोर अक्सर
बना देती हैं यादें
कुछ खट्टी,कुछ मीठी
कुछ बोलती,कुछ शांत सी
बीते पलों को खरोंचती
क्यों कुलबुलाती हैं यादें
कभी खुशी की छटा बन कर
कभी गम की घटा बन कर
बहुत याद आती हैं यादें
अक्सर रूलाती हैं यादें.
दिल को झकझोर देती हैं यादें
जाने क्यों इतनी कठोर होती हैं यादें
मैं भूलने की कोशिश तो करता हूँ
पर कुछ भूल नहीं पाता हूँ
क्यों इतना कमजोर अक्सर
बना देती हैं यादें
कुछ खट्टी,कुछ मीठी
कुछ बोलती,कुछ शांत सी
बीते पलों को खरोंचती
क्यों कुलबुलाती हैं यादें
कभी खुशी की छटा बन कर
कभी गम की घटा बन कर
बहुत याद आती हैं यादें
अक्सर रूलाती हैं यादें.