17 December 2023

देहरी पर अल्फ़ाज़ ...... 1

वक़्त की देहरी को 
पार करने की 
कोशिश करते 
अल्फ़ाज़ 
कभी-कभी 
अव्यक्त -अधूरे 
और छटपटाते 
ही रह जाते हैं 
हजार कोशिशों के बाद भी 
जैसे दबा दिया जाता है 
उन्हें 
सिर्फ इसलिए 
कि 
अगर उन्हें कह दिया गया 
तो देखना न पड़ जाए 
निर्माण से पहले 
विध्वंस का 
रौद्र रूप। 

-यशवन्त माथुर©
17 12 2023

एक निवेदन- इस ब्लॉग पर कुछ विज्ञापन प्रदर्शित हो रहे हैं। आपके मात्र 1 या 2 क्लिक मुझे कुछ आर्थिक सहायता कर सकते हैं। 

साथ ही यदि  फ़ोटो ब्लॉग भी विज़िट करना चाहें तो कृपया यहाँ क्लिक करें। 

धन्यवाद!


4 comments:

  1. ठीक कहा यशवन्त जी आपने

    ReplyDelete
  2. यदि निर्माण से पहले ही विध्वंस हो जाये तो इसका दुख भी कम नहीं होता

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर

    ReplyDelete