मेरे घर के सामने
कुछ मुर्गियां
खेलती हैं
आपस में
एक कतार में
एक साथ चलती हैं
और
पास के पानी से भरे गड्ढे में
लगाती हैं डुबकियाँ
वो काली हैं
कुछ सफ़ेद
और कुछ भूरी भी हैं
पर रंगभेद से बे परवाह
इंसानी धार्मिक और नस्लवादी
सोच से परे
वो लडती नहीं
बल्कि इठलाती हैं
अपने आत्म अनुशासन पर।
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