वो पल
जिनमें सुकून होता है
संतुष्टि होती है
जो दिखाते हैं
आइना
कुछ पाने का
जिन से मिलती है प्रेरणा
कुछ कर गुजरने की
नहीं मिले
अब तक -
क्योंकि
संघर्षों के साथ
कभी
चलना है
कभी दौड़ना है
गिरना है
संभलना है
सब कुछ झेलना है
यूँ ही
शायद
एक अंतहीन समय तक!
चलना ही जीवन का दूसरा नाम है। पड़ाव मतलब अंत....चलते रहिए, रास्ते अपने आप मिलेंगे। अच्छा ..बहुत अच्छा लिखा है...
ReplyDeleteबहुत सटीक प्रसंग बताया है ये तो होता ही है ... .
ReplyDeleteजोरदार प्रस्तुति...... आभार
ागर सच्चे मन से अपने आत्मविश्वास से चलते रहो तो बहुत साथी मिल जाते हैं\ अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।
ReplyDelete..मेरा मन कहता है कि आपको सफलता जरूर मिलेगी। हाँ जिन पलों की आपको तलाश है वो आएंगे आपकी जिंदगी में, दो पल का सुकून भी मिलेगा लेकिन फिर शुरू हो जाएगी दूसरी मंजिल की भागदौड़..किसी मंजिल पर ठहरना और सोचना कि क्यों न सफर को ही मान लें जिंदगी के सबसे अच्छे पल!
ReplyDeletesangharshpoorna path par chalne ki prerna sada milti rahe... manjil bhi milegi!
ReplyDeleteबस चलते चले जाईये......चलने में भी सुकून बहुत मिलता है.
ReplyDeleteअगर संघर्षों का सामना भी साहस और धैर्य के साथ किया जाए तो वे खुद प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते है, भाई .....शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteसंघर्षों के साथ
ReplyDeleteकभी
चलना है
कभी दौड़ना है
गिरना है
संभलना है
सब कुछ झेलना है
यूँ ही
शायद
एक अंतहीन समय तक!
बहुत सुंदर प्रेरणादायी
बहुत ही सुन्दर रचना. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआदरणीया वीना जी,संजय जी,निर्मला जी,देवेन्द्र जी,अनु जी,वंदना जी,रानी जी, मोनिका जी एवं ज़मीर जी -आप सभी के विचारों एवं टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
ReplyDelete