30 July 2011

गीत सुन रहा हूँ

गीत सुन रहा हूँ
तैर रहा हूँ
सुर और लय के ताल मे
मस्ती और आंसुओं की 
बहती धार मे
भूल रहा हूँ खुद को
कुछ पल के लिये

आशा की आवाज़ पर
हेलन की थिरकन
गुरु दत्त की 'चौदहवीं का चाँद'
लता की 'अजीब दास्ताँ'
नूरजहां का कहना -
'जिंदगी जा छोड़ दे पीछा मेरा'
कितना मस्त लगता है
जब 'कहीं करती होगी
वो मेरा इंतज़ार'

मुकेश ,रफी,किशोर
इन सब को सुन रहा हूँ
एक एक कर

गीत सुन रहा हूँ
कुछ प्रीत के
कुछ विरहा के
कुछ आज के
कुछ बीते कल के

समझने की कोशिश मे हूँ
आखिर क्या है ऐसा
संगीत मे
सरगम मे
इस रिदम मे   
जो झुमा देती है
कुछ पल को
ठहरा देती है
कर देती है
जड़वत
बस अपने मे ही
खो जाने के लिये

जो भी हो
मैं खोया हूँ
कानों मे बजती हुई
कुछ आवाज़ों मे
बाहर से अपरिचित-
अनभिज्ञ हो कर
ले रहा हूँ आनंद
स्वार्थ रहित
मित्रता निभाते
मन को भाते 
कुछ गीत
सुन रहा हूँ !

34 comments:

  1. geet sunne aur sunanane chahiye...
    kuch khas hota hai music mei...
    well written n executed...

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  2. bhaut hi khubsurat rachna geeto se bhari....

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  3. समझने की कोशिश मे हूँ
    आखिर क्या है ऐसा
    संगीत मे
    सरगम मे
    इस रिदम मे
    जो झुमा देती है
    कुछ पल को
    ठहरा देती है
    कर देती है
    जड़वत
    बस अपने मे ही
    खो जाने के लिये
    badaa zor hai saat suron me bahte aansu jate hain tham

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  4. वाह हम भी आपके गीतों मे खो गये।

    आपकी रचना आज तेताला पर भी है ज़रा इधर भी नज़र घुमाइये
    http://tetalaa.blogspot.com/

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  5. स्वार्थ रहित
    मित्रता निभाते
    मन को भाते
    कुछ गीत
    सुन रहा हूँ !

    बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !

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  6. ले रहा हूँ आनंद
    स्वार्थ रहित
    मित्रता निभाते
    मन को भाते
    कुछ गीत
    सुन रहा हूँ !
    beautiful!!!

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  7. खुद के सुन्दर भाव समेत दिए है रचना में....
    मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है...

    सादर

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  8. संगीत में अपने मान के भाव उतर आते हैं ..अच्छी प्रस्तुति

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  9. सुन्दर कविता.

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  10. सुंदर प्रस्तुति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  11. उन्ही गीतों के साथ आपकी रचना को पढना और भी खुबसूरत है...

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  12. जो भी हो
    मैं खोया हूँ
    कानों मे बजती हुई
    कुछ आवाज़ों मे
    बाहर से अपरिचित-
    अनभिज्ञ हो कर
    ले रहा हूँ आनंद
    स्वार्थ रहित
    मित्रता निभाते
    मन को भाते
    कुछ गीत
    सुन रहा हूँ !

    बहुत बढ़िया.... बेहतरीन अभिव्यक्ति....

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  13. आज फ़िर खेली है हमने लिंक्स के साथ छुपमछुपाई चर्चा में आज नई पुरानी हलचल

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  14. आशा की आवाज़ पर
    हेलन की थिरकन
    गुरु दत्त की 'चौदहवीं का चाँद'
    लता की 'अजीब दास्ताँ'
    नूरजहां का कहना -
    'जिंदगी जा छोड़ दे पीछा मेरा'
    कितना मस्त लगता है
    जब 'कहीं करती होगी
    वो मेरा इंतज़ार'


    अद्भुत!

    बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

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  15. आशा की आवाज़ पर
    हेलन की थिरकन
    गुरु दत्त की 'चौदहवीं का चाँद'
    लता की 'अजीब दास्ताँ'
    नूरजहां का कहना -
    'जिंदगी जा छोड़ दे पीछा मेरा'
    कितना मस्त लगता है
    जब 'कहीं करती होगी
    वो मेरा इंतज़ार'

    बहुत खूबसूरती के साथ गीतों को पिरोया है...

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  16. संगीत से बेहतर तो कुछ हो भी नहीं सकता ... अच्छा सोचा है ... गीत भी अच्छे याद दिलायें हैं .... शुभकामनायें !

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  17. सात सुर माँ सरस्वती का दिया हुआ वो आशीर्वाद है मानव को जो जादू सा असर रखता है .....
    कुछ भी करने में सक्षम ....!!
    बहुत अच्छा लगा आपकी कविता पढ़कर ....!!

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  18. बहुत उम्दा रचना....

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  19. वाह जी गीतमाला........बढ़िया है|

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  20. कुछ पल के लिए तो मैं भी सबकुछ भूल गई थी .....सुन्दर रचना

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  21. वाह संगीत का जादू है ही ऐसा जो सर चढकर बोलता है और फिर हमारा विश्वप्रसिद्ध फ़िल्मी गीत ! बहुत सुंदर रचना !

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  22. सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
    बहुत सुन्दर गीतों को पिरोया है...

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  23. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !.....

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  24. ये गाने तो जन-मन के अंदर तक पैठे हुए हैं भाई

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  25. वाह ...बहुत ही बढि़या ।

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  26. Hi I really liked your blog.
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  27. Music is magical.... lovely post on music.
    Life is so senseless without music :)

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  28. वाकई बहुत सुंदर
    कभी कभी ही ऐसी रचनाएं पढने को मिलती हैं।
    शुभकामनाएं

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  29. माथुर जी धन्यबाद आपने हमारी कविता नयी पुराणी हलचल में शामिल की ...............

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  30. बहुत सुन्दर प्रस्तुति , सुन्दर भावाभिव्यक्ति

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  31. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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  32. अच्छी कविता , यशवंत जी कविताओं में आसपास के परिवेश को पकड़ने की आपकी छमता एक सही दिशा में सुन्दर प्रयास है आपकी रचनाओं में सरसता है शैली बरकरार रखे शुभकामनायें

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