25 January 2012

सलाम !

सलाम ! सशस्त्र प्रहरियों को
जिनके लिए पूरा देश ही एक घर है
और उसकी हिफाजत वो करते हैं
खुद कुर्बान हो कर

सलाम! उस किसान को
जो उपजाता है अन्न
विपन्न रह कर भी जो
मिटाता है सवा अरब की भूख

सलाम! उस मजदूर को
जो सच्चा निर्माता है
पर रहता है गुमनाम
इमारत की नींव की तरह

सलाम ! नन्ही मुस्कुराहटों को
जो भुला देती हैं सारे गम
गिले शिकवे अपनी निश्छलता से
प्यार से गले लग कर

सलाम ! वीर नारियों को
जो जननी हैं अखंड,और
गर्वित गणतन्त्र की 
अनूठी संस्कृति की

सलाम ! आपको और हम को
सलाम हर उस गीत को ,कविता को
जो करती है नमन ,अनेकता मे एकता को
जिसका अक्षर अक्षर एक मंत्र है 
जिसकी आत्मा मे बसा सच्चा गणतन्त्र है।

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सभी पाठकों को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! 
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24 comments:

  1. सलाम ! आपको और हम को
    सलाम हर उस गीत को ,कविता को
    जो करती है नमन ,अनेकता मे एकता को
    जिसका अक्षर अक्षर एक मंत्र है
    जिसकी आत्मा मे बसा सच्चा गणतन्त्र है।

    बहुत सुन्दर रचना...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये....

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  2. सलाम! उस किसान को
    जो उपजाता है अन्न
    विपन्न रह कर भी जो
    मिटाता है सवा अरब की भूख,,,,,अच्छी पंक्तियाँ

    बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  3. देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत बड़ी ही पावन रचना.....
    जय जवान - जय किसान

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  4. बहूत सुंदरता से विभिन्न पहलुओ को व्यक्त किया है ,
    किसान को सलाम , मजदुरो को सलाम , वीर नारियो को सलाम ..
    हर कविता को सलाम जो व्यक्त करते है अनेकता में एकता ...
    बेहतरीन रचना....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ ...

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  5. जैअक्षर जय शब्द विधान,
    जय जन जाग्रति जय उत्थान .
    तभी बने गणतंत्र महान .

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  6. सलाम ...सुंदर भाव लिये कविता

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  7. सलाम।
    देशभक्ति के जज्‍बे से ओतप्रोत रचना।

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....

    जय हिंद...वंदे मातरम्।

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  8. बहुत बढ़िया !

    गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    आज 26 जनवरी है।
    लोग ख़ुश हैं। ख़ुश होने की वजह भी है लेकिन जो लोग आज के दिन भी ख़ुश नहीं हैं उनके पास भी ग़मगीन होने की कुछ वजहें हैं। हमारा ख़ुश होना तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक कि हमारे दरम्यान ग़म के ऐसे मारे हुए मौजूद हैं जिनका ग़म हमारी मदद से दूर हो सकता है और हमारी मदद न मिलने की वजह से वह उनकी ज़िंदगी में बना हुआ है।
    हमारे अंदर अनुशासन की भावना बढ़े, हम ख़ुद को अनुशासन में रखें और किसी भी परिस्थिति में शासन के लिए टकराव के हालात पैदा न करें।
    जो लोग आए दिन धरने प्रदर्शन करते हुए शासन और प्रशासन से टकराते रहते हैं, उन्हें 26 जनवरी पर यह प्रण कर लेना चाहिए कि अब वे देश के क़ानून का सम्मान करेंगे और किसी अधिकारी से नहीं टकराएंगे बल्कि उनका सहयोग करेंगे।
    टकराकर देश को बर्बाद न करें।
    लोग अंग्रेज़ो से टकराए तो वे देश से चले गए और आज बहुत से लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे कि देश में आज जो असुरक्षा के हालात हैं, ऐसे हालात अंग्रेज़ों के दौर में न थे।
    कहीं ऐसा न हो कि फिर टकाराया जाए तो देश और गड्ढे में उतर जाए।
    सो प्लीज़ हरेक आदमी यह भी प्रण करे कि अब हम क्रांति टाइप कोई काम नहीं करेंगे।
    जो राज कर रहा है, उसे राज करने दो।
    एक जाएगा तो दूसरा आ जाएगा।
    अपना भला हमें ख़ुद ही सोचना है।

    सादर ,

    Read entire message :
    प्लीज़ क्रांति न करे कोई No Revolution
    http://www.ahsaskiparten.blogspot.com/2012/01/no-revolution.html

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  9. सुन्दर ढ़ंग से गणतंत्र पर्व मनाने का तरीका निश्चित ही सराहनीय
    है। ऐसी रचना और रचनाकार को मेरा सलाम....
    किन्तु गणतंत्र का दूसरी रूप भी देखिये...
    कृपया इसे भी पढ़े-
    क्या यही गमतंत्र है
    क्या यही गणतंत्र है

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  10. मेरी ओर से पूरे हिंदुस्तान के सभी बाशिंदों को सलाम एवं गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें... जय हिन्द.... जय भारत

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  11. बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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  12. सुंदर..भावपूर्ण प्रस्तुति.....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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  13. सुंदर अभिव्यक्ति...गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ....................

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  14. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें! जय हिन्द!

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  15. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति! गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

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  16. सलाम...जय हिन्द.

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  17. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।

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  18. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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  19. सलाम ! आपको और हम को
    सलाम हर उस गीत को ,कविता को
    जो करती है नमन ,अनेकता मे एकता को
    जिसका अक्षर अक्षर एक मंत्र है
    जिसकी आत्मा मे बसा सच्चा गणतन्त्र है।
    बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति.... :)

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  20. राष्ट्रधर्म की भावना से भरी कविता मन को छू गई. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

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