01 August 2012

'दो'

आदत है अँधेरों में जीने की 
तो क्या चीज़ उजाला है 
एक तरफ है झक सफ़ेद 
एक तरफ काला है  

कहीं इस समय दिन है 
कहीं पे रात है 
कहीं भरी दुपहर है 
कहीं शाम की बात है 

मावस की लकीरों में 
कहीं उदास है जिंदगी 
पूनम की महफिलों में 
कहीं खास है जिंदगी 
 
दो रूप हैं ,दो रंग हैं 
एक लुभाता ,एक अखरता है 
जो पूरा है,अधूरा भी है 
दो नज़रों से एक दिखता है

आदत है दो में जीने की 
क्या कर सकता एक अकेला है 
काला सफ़ेद तो निश्चित होगा 
जिंदगी का यही झमेला है


(दो दिन बिजली ग्रिड की गड़बड़ी से प्रेरित )


 ©यशवन्त माथुर©

21 comments:

  1. इतना अच्छा लिखोगे तो पावर ग्रिड कारपोरेशन रायल्टी मांग लेगा तुमसे , प्रेरणा के एवज में | बहुत खूब |

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    1. :-)

      बहुत बढ़िया यशवंत...

      सस्नेह

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  2. बहुत खूब...पावर ग्रिड की गड़बड़ी ने जीवन की असलियत समझा दी..

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  3. दो रूप हैं ,दो रंग हैं
    एक लुभाता ,एक अखरता है
    जो पूरा है,अधूरा भी है
    दो नज़रों से एक दिखता है

    बहुत ही बढ़िया ......

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  4. बहुत बढ़िया
    दो रूप हैं ,दो रंग हैं
    एक लुभाता ,एक अखरता है
    जो पूरा है,अधूरा भी है
    दो नज़रों से एक दिखता है
    बेहतरीन रचना....

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  5. उत्कृष्ट प्रस्तुति गुरूवार के चर्चा मंच पर ।।

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  6. दो रूप हैं ,दो रंग हैं
    एक लुभाता ,एक अखरता है
    जो पूरा है,अधूरा भी है
    दो नज़रों से एक दिखता है..बहुत सही कहा यशवंत..शुभकामनाएं

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  7. बहुत ही प्यारी रचना..

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  8. आदत है दो में जीने की
    क्या कर सकता एक अकेला है
    काला सफ़ेद तो निश्चित होगा
    जिंदगी का यही झमेला है


    सुन्दर, लिखते रहो यशवंत जी

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  9. वाह ... बेहतरीन

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  10. काला सफ़ेद तो निश्चित होगा
    जिंदगी का यही झमेला है

    झमेले में ही जीना का मज़ा है,,,:-)
    बढ़िया ओरास्तुती सर:-)

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  11. आदत है दो में जीने की
    क्या कर सकता एक अकेला है
    काला सफ़ेद तो निश्चित होगा
    जिंदगी का यही झमेला है

    यही जीवन का खेला है

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  12. सुन्दर रचना.....

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  13. waah!..........very good...

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  14. बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...

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  15. बहुत अच्छी सार्थक रचना,,,,

    रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,

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  16. दो का झमेला...बेहतरीन प्रस्तुति !!

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  17. इस काले और सफ़ेद के बीच ही जीवन की आपा धापी चलती रहती है ...

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