सभी पाठकों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
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एक साल में
एक दिन यही है
जब भूल जाता हूँ
देखना
फुटपाथ के किनारे
भूख से बिलखते
मासूमों को
मटमैले बदन पर
एक धोती में सिमटी
उस मज़दूरनी को
और उसे घूरती
लालची नज़रों को
यही एक दिन है
जब भूल जाता हूँ
देखना
नींव का पत्थर रखते हाथों को
अट्टालिकाओं की ऊंची दीवारों को रंगते
ज़िंदा इंसानी पुतलों को
यही एक दिन है
जब भूल कर
अपनी कंगाली
मैं दौड़ पड़ता हूँ
प्रभातफेरी के साथ
हाथ मे लेकर तिरंगा
और शान से कहता हूँ
मेरा भारत महान !
©यशवन्त माथुर©
यह पोस्ट http://jmkyashwant.wordpress.com पर भी उपलब्ध है।
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एक साल में
एक दिन यही है
जब भूल जाता हूँ
देखना
फुटपाथ के किनारे
भूख से बिलखते
मासूमों को
मटमैले बदन पर
एक धोती में सिमटी
उस मज़दूरनी को
और उसे घूरती
लालची नज़रों को
यही एक दिन है
जब भूल जाता हूँ
देखना
नींव का पत्थर रखते हाथों को
अट्टालिकाओं की ऊंची दीवारों को रंगते
ज़िंदा इंसानी पुतलों को
यही एक दिन है
जब भूल कर
अपनी कंगाली
मैं दौड़ पड़ता हूँ
प्रभातफेरी के साथ
हाथ मे लेकर तिरंगा
और शान से कहता हूँ
मेरा भारत महान !
©यशवन्त माथुर©
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बहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,,
ReplyDeleteवे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
अब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
मेरा भारत महान .....जय हिंद
ReplyDeleteसंवेदनशील ,वास्तविक दर्द को देखने की ,महसूस करने की प्रवृति प्रशंसनीय है, पावन दिवस की शुभ कामनाएं ....../
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ .... !
ReplyDeleteआपके सोच को सलाम .... !!
समस्या तो बहुत है देश में
ReplyDeleteपर आशा के दीप मन में जलाकर
आजादी का पर्व तो मनाना ही है..
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये..
:-)
मेरा भारत महान... बेहतरीन लिखा है यशवंत भाई...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जय हिंद!
बहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteFake Freedom of India..Nice Poem
ReplyDeleteयही एक दिन है
ReplyDeleteजब भूल कर
अपनी कंगाली
मैं दौड़ पड़ता हूँ
प्रभातफेरी के साथ
हाथ मे लेकर तिरंगा
/:-)
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteयथार्थ को मुखर कर दिया आपकी रचना ने! लगभग गुलामों सा जीवन जीते हैं मज़दूर ३६४ दिन और इस एक दिन अपने मन को बहला लेते हैं कि हम आज़ाद हैं। मर्म को छूती रचना।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बढिया
ReplyDeletemathur ji sadar abhar ke sath swtantrata diwas pr hardik badhai ......apki rachana behad prabhavshali lagi .....han ak nivedan hai ....KRIPAYA BLOG PR APKI PHOTO RANGEEN NAHI LG RAHI HAI USE BADAL KR APNI ACHHI TASVEER LAGAYEN ......PL ..ANYTHA MT LIJIYEGA MATHUT SAHAB.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 18/08/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteअच्छी रचना.
ReplyDeleteसोचने को मजबूर करती कविता आज के दिन ... १५ अगस्त की बधाई....
ReplyDeletebahut hi achha likha hai, sach hai kabhi kabhi dekha andekha kar dete hain aur ek rau mein behte chale jaate hain.. ek oj se bhare hue..vo kaisa bhi ho..
ReplyDeleteshubhkamnayen
behad khubsurat rachna...apko bhi bdhai yashwant ji.....
ReplyDeletehappy independence day....yashwant ji....
ReplyDeleteसुन्दर रचना ...
ReplyDeleteयही एक दिन है
ReplyDeleteजब भूल कर
अपनी कंगाली
मैं दौड़ पड़ता हूँ
प्रभातफेरी के साथ
हाथ मे लेकर तिरंगा
और शान से कहता हूँ
मेरा भारत महान !
....बोलना पड़ता है ..
उफ़ ये कैसी आजादी है ..
बहुत बढ़िया सार्थक चिंतन
बहुत सुन्दर रचना यशवंत.....
ReplyDeleteदेरी के लिए क्षमा चाहती हूँ.
सस्नेह
अनु
बहुत सुंदर दिल से रची रचना.
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