वाह ! गहरी बात सादगी से !!शुभकामनायें !
अक्सर मुखौटे अपनी पहचान भूल जाते है यशवंत जी
सुंदर और भावपूर्ण आज के जीवन संदर्भ में कहती हुई रचना बधाई-------आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों,प्रतिक्रिया देंjyoti-khare.blogspot.in
Bahut Sunder....
बहुत सुद्नर आभार अपने अपने अंतर मन भाव को शब्दों में ढाल दिया आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में एक शाम तो उधार दोआप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे
पन्नों के सुर्ख रंगकभी कभीमुखौटा भीहुआ करते हैं। सच ,कभी कभी गहराई से झांके तो. .....अच्छी रचना
पन्नों के सुर्ख रंगकभी कभीमुखौटा भीहुआ करते हैं। bilkul sahi kaha. achhe sachche bhaavshubhkamnayen
वाह ! गहरी बात सादगी से !!
ReplyDeleteशुभकामनायें !
अक्सर मुखौटे अपनी पहचान भूल जाते है यशवंत जी
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ReplyDeleteसुंदर और भावपूर्ण आज के जीवन संदर्भ में कहती हुई रचना
बधाई-------
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों,प्रतिक्रिया दें
jyoti-khare.blogspot.in
Bahut Sunder....
ReplyDeleteबहुत सुद्नर आभार अपने अपने अंतर मन भाव को शब्दों में ढाल दिया
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एक शाम तो उधार दो
आप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे
पन्नों के सुर्ख रंग
ReplyDeleteकभी कभी
मुखौटा भी
हुआ करते हैं।
सच ,कभी कभी गहराई से झांके तो. .....अच्छी रचना
पन्नों के सुर्ख रंग
ReplyDeleteकभी कभी
मुखौटा भी
हुआ करते हैं।
bilkul sahi kaha. achhe sachche bhaav
shubhkamnayen