कुछ अजीब सी बातें
जिनका कोई सिरा नहीं होता
न ही कोई किनारा होता है
रह रह कर
मन में आती जाती हैं
कभी खुशी
कभी उदासी
कभी तटस्थता के भाव
खुद में समेटे हुए
कुछ शब्दों
और कुछ धुनों में मिल कर
बिखर जाती हैं
बहक जाती हैं
कहीं खो सी जाती हैं
और भटका जाती हैं
इन अजीब सी राहों पर
कुछ अजीब सी बातें।
~यशवन्त यश©
जिनका कोई सिरा नहीं होता
न ही कोई किनारा होता है
रह रह कर
मन में आती जाती हैं
कभी खुशी
कभी उदासी
कभी तटस्थता के भाव
खुद में समेटे हुए
कुछ शब्दों
और कुछ धुनों में मिल कर
बिखर जाती हैं
बहक जाती हैं
कहीं खो सी जाती हैं
और भटका जाती हैं
इन अजीब सी राहों पर
कुछ अजीब सी बातें।
~यशवन्त यश©
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