बस यूं ही
चलते चलते
आ पहुँचते हैं हम
अनजान सी
जगहों पर
जहां
कुछ भी
नहीं होता अपना
सिर्फ
खुद के सिवा ....
उन अनजान सी
जगहों पर
बेशक
समय होता है
खुद को
जानने
मानने
पहचानने
और समझने का
फिर भी बनी रहती है
असहजता
देखने में
खुद का अक्स
किसी दर्पण में
अनजान सी
जगहों पर ।
~यशवन्त यश©
चलते चलते
आ पहुँचते हैं हम
अनजान सी
जगहों पर
जहां
कुछ भी
नहीं होता अपना
सिर्फ
खुद के सिवा ....
उन अनजान सी
जगहों पर
बेशक
समय होता है
खुद को
जानने
मानने
पहचानने
और समझने का
फिर भी बनी रहती है
असहजता
देखने में
खुद का अक्स
किसी दर्पण में
अनजान सी
जगहों पर ।
~यशवन्त यश©
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