04 January 2016

करें क्यो परवाह......

लोगों का कम है कहना
कहते रहेंगे
हम यूं ही हाथी बन कर
चलते रहेंगे

करें क्यो परवाह
बे मौसम बरसातों की
बे शरम बादल हैं
गरजते रहेंगे

मन के मालिक हैं
मन के गुलाम हमीं हैं
मन की बातें इन पन्नों पर
ऐसे ही लिखते रहेंगे।

~यशवन्त यश©

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