दूसरों के सुख से दुखी
और
दुख से सुखी महसूस करने वाले
कुछ लोग
कभी-कभी
बेहयायी से
आने देते हैं
बाहर
भीतर के क्रूर
और वीभत्स रूप को
क्योंकि
वे जानते हैं
सामने वाले की
मजबूरी
और मनोदशा को
क्योंकि
उन्हें होता है गुमान
कि समय का कोई भी प्रहार
भेद नहीं पाएगा
उनके निर्लज्ज शब्दों की ढाल को
लेकिन तब भी
वो दिन
वो पल आता ही है
जब बंद पलकों के पर्दे पर
चलता हुआ
बीते दौर का चित्र
कारण बनता है
उनके विचित्र अवसान का।
07012021
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सादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 08-01-2021) को "आम सा ये आदमी जो अड़ गया." (चर्चा अंक- 3940) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
हार्दिक धन्यवाद मीना जी!
Deleteआपका एक-एक शब्द मेरे हृदय की गहनता में जा पैठा है यशवंत जी क्योंकि मैं ऐसे सैडिस्टों को जानता भी हूँ तथा उनके कारण भुक्तभोगी भी रहा हूँ ।
ReplyDeleteसर! हमारा तो वास्ता फिलहाल ऐसे ही लोगों से पड़ रहा है।
Deleteकुत्सित विचारों से लबरेज कुछ लोग ऐसी मानसिकता से ग्रसित होते हैं..पर वक़्त हर बात का जवाब देता है चाहे सही हो या गलत..
ReplyDeleteजिज्ञासा जी! वक़्त जवाब देता तो है लेकिन कभी कभी उस वक़्त का इंतजार बहुत बोझिल हो जाता है।
Deleteसच है
ReplyDeleteधन्यवाद सर!
Deleteऐसा ही होता है पर समझ में नहीं आता है । सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteजब बंद पलकों के पर्दे पर
ReplyDeleteचलता हुआ
बीते दौर का चित्र
कारण बनता है
उनके विचित्र अवसान का।
कोमल भावनाओं से ओतप्रोत बहुत सुंदर रचना... 🌹🙏🌹
कुछ लोग ऐसे ही होते है। वे यह भूल जाते है कि जिंदगी में सुख दुख का चक्र चलता रहता है। ऐसे में कब चक्र घूम जाए सुर दुख आ जाए पता भी नही चलता।
ReplyDeleteसमय के पर्दे पर कुछ भी अनदेखा नहीं रह जाता, काल के आगे किसी की नहीं चलती
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteकुछ लोग लेकिन..
ReplyDeleteउन कुछ लोगों का जवाब हैं..
वो कुछ लोग बेख्याल हैं जो..
ये कुछ लोग ख़यालो की मिसाल हैं..
वो कुछ लोग खो जाएंगे उत्थान और पतन के भ्रम में
साधारण हैं कुछ लोग बहुत..लेकिन दयार ए मशाल हैं..
आप को समर्पित..प्रेरणा के लिए धन्यवाद