इंसान
इंसान ही रहे
शैतान न बने।
नया साल
कुछ इस तरह मने।
कुछ ऐसा हो
कि हर भूखे को रोटी मिले
खुले आसमां के नीचे
कोई न झोपड़ी मिले।
कुछ ऐसा हो
कि मुरझाए न फूल
जो कोई खिले
हों शिकवे सारे दूर
गले जब कोई मिले।
भले ही कोहरा
पसरा हुआ हो बाहर
दिलों के भीतर
हर दिन किसी त्योहार सा मने।
नया साल
कुछ इस तरह मने।
01012023
वाह ❤️
ReplyDelete2023 की हार्दिक शुभकामनाएं आपको🌻
बहुत सुंदर कामना
ReplyDeleteनए वर्ष के लिए आपको बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
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