02 October 2010

कल फिर तुझ को भुलाएँगे........

बापू तेरे देश में
हम तेरी बातें भूल गए
तू तो छप गया नोटों पे
हम काले धन में डूब गए

बस आज करेंगे तेरी बातें
खादी पहन चलेगा चरखा
ए.सी.मोटर में आके
हम तेरे गीत गाएंगे.

कल फिर तुझ को भुलाएँगे!

.
(जो मेरे मन ने कहा.....)

12 comments:

  1. .

    Beautiful presentation.

    A bitter truth !

    .

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  2. sसही कहा आपने। बापू जी और लाल बहादुर शास्त्री जीको शत शत नमन ।र

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  3. डियर यशवंत,
    शायद मैं पहले भी यहाँ आया हूँ.... पर आज फोटो ध्यान से देखा है और पता चला के तुम तो वही यशवंत हो जो मेरठ के बिग बाज़ार में काम करते थे. मुझे अच्छे से याद है के यू वर वैरी डेडीकेटिड एंड एवर रेडी टु हैल्प......
    ब्लॉग जगत में पाकर अच्छा लगा.
    खूब तरक्की करो.
    आशीष
    --
    प्रायश्चित

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  4. आदरणीया निर्मला जी/दीदी,
    बहुत बहुत धन्यवाद आप के उत्साहवर्धन के लिए.

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  5. आशीष जी
    जी हाँ आपने बिलकुल ठीक पहचाना मैं वही यशवन्त हूँ.लेकिन अब बिग बाज़ार customer service छोड़ कर खुद का छोटा सा business कर रहा हूँ.
    आदरणीया आंटी जी को मेरी नमस्ते कहें.

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  6. अच्छी लिखी है...उनकी सीख पर तो अमल नहीं करते फिर भी याद तो करते ही हैं...बधाई...

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  7. सच में गाँधी जी आज नोटों पर ही सबको अच्छे लगते हैं ..... आज का सत्य यही है ...
    बहुत अच्छी प्रस्तुति ....

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  8. आदरणीया मृदुला जी,वीना जी एवं कविता जी,
    बहुत बहुत धन्यवाद मेरी इस कविता को पसंद करने के लिए.

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  9. दिव्या जी के ब्लॉग से होकर आपतक पहुंचा हूँ ...
    ये कविता अच्छी लगी .. कड़वा सच है ..

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  10. अच्छे विचार हैं. और यह सत्य है.

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  11. Respected Inranil ji, Masum ji
    Thank you so much.

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