03 April 2013

ज़रूरी तो नहीं

हो हर समय मुस्कुराहट, ज़रूरी तो नहीं
हो हर समय गम की आहट, ज़रूरी तो नहीं।
ज़रूरी तो नहीं,हर समय मेरा यहाँ होना
कभी घनी रात,कभी सवेरा होना। 
ज़रूरी तो कुछ भी नहीं, फिर भी ज़रूरत उसी की है
जिसके न होने में बेवफाई, मजबूरी तो नहीं। 
हम तो ऐसे ही हैं 'यशवन्त', हमें ऐसे ही रहने दो
मतलब की हर बात से,मुलाक़ात ज़रूरी तो नहीं।

~यशवन्त माथुर©

6 comments:

  1. सुंदर प्रस्तुति

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  2. यहाँ आना बहुत जरुरी है, लिखना बहुत जरुरी है...शुभकामनाये

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  3. बेहतरीन प्रस्तुति सुंदर सहज सार्थक रचना
    बहुत बहुत बधाई

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  4. बहुत अच्छा लिखा है

    शुभकामनायें

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  5. मतलब की बात से मुलाकात तो अधूरी ही होगी
    बात भी वही होगी जो जरूरी ही होगी

    लेकिन जिंदगी गैर जरूरी बातों से ही खुशनुमा बनती है..

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  6. गम की आहट ज़रूरी नहीं पर मुस्कुराहट ज़रूरी है...शुभकामनाये

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