पुरानी यादों को ताजा करने के कई ्बहाने है..सुन्दर प्रस्तुति
गलते पन्ने पर लिखी इबारत और सूखे फूल यादों के पन्नों के भीतर हमेशा तरोताजा रहता है और सुगंध विखेर रही होती है......
खूबसूरत अभिव्यक्ति हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुन्दर एहसास
bhot khub...aapne poorane dino ki yad diladi........
सचमुच बिलकुल ताज़ा हो जाती हैं पुरानी यादें... सुन्दर रचना
कहीं दबा हुआपुराना सूखा फूलज़मीन पर गिर करले चलता है समय कोउल्टी दिशा में। आज भी महकता है वो सूखा हुआ फूल....
सचमुच बिलकुल ताज़ा हो जाती हैं पुरानी यादें... सुन्दर रचनासंध्या शर्मा जी की बातों से पूर्णतः सहमत
आपकी यह एक सुंदर कविता है
जुडी रहती हैं कुछ यादें उसी सूखे फूल से ...यादों के झरोखे में लौटने का मन ...
पुरानी यादों को ताजा करने के कई ्बहाने है..सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteगलते पन्ने पर लिखी इबारत और सूखे फूल यादों के पन्नों के भीतर हमेशा तरोताजा रहता है और सुगंध विखेर रही होती है......
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ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति
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बहुत सुन्दर एहसास
ReplyDeletebhot khub...aapne poorane dino ki yad diladi........
ReplyDeleteसचमुच बिलकुल ताज़ा हो जाती हैं पुरानी यादें... सुन्दर रचना
ReplyDeleteकहीं दबा हुआ
ReplyDeleteपुराना सूखा फूल
ज़मीन पर गिर कर
ले चलता है समय को
उल्टी दिशा में।
आज भी महकता है वो सूखा हुआ फूल....
सचमुच बिलकुल ताज़ा हो जाती हैं पुरानी यादें... सुन्दर रचना
ReplyDeleteसंध्या शर्मा जी की बातों से पूर्णतः सहमत
आपकी यह एक सुंदर कविता है
ReplyDeleteजुडी रहती हैं कुछ यादें उसी सूखे फूल से ...
ReplyDeleteयादों के झरोखे में लौटने का मन ...