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आधी रात के सन्नाटे में
घड़ी की टिकटिक और
सुबह सुबह
गूंजती मुर्गे की बांग
आसमां से बाते करती
चिड़ियों की उड़ान
कानों से लगती
सर्द हवा की ठिठुरन
कंपन करता शरीर और
दाँतों का किटकिटाना
बगल की लाइन से गुज़रती
रेलों का आना जाना
सर के ऊपर से जाते
जहाज़ को एकटक निहारना
तिराहों चौराहों पर
धूंआँ फेकते वाहनों की चिल्लपों
और उनमे बजता
एफ एम का सुरीला गाना
कहीं टीवी पर सास बहू सीरियल
कहीं के बी सी
कहीं एक्सक्लूसिव न्यूज़ का आना
सड़क पर लगती झाड़ू की सर सर
किसी का चीखना
किसी का चिल्लाना
गली के कुत्तों का देखते ही गुर्राना
किसी नन्हे से बच्चे की
मोहक सी मुस्कान
और अचानक से उसका खिलखिलाना
पार्क में बने मंदिर से आती
घंटों की आवाज़
पीछे की मस्जिद से
गूंजती अजान
सबका अपना अपना बखान
आपस में बतियाते जाते
विद्यार्थी
हाथों में हाथ डाले युगल
छिड़ी है सबकी तान
कुछ मीठी
कुछ तीखी
कुछ मन को भाने वाली
कुछ दिल को जलाने वाली
आवाज़ !!!!!
बहुत अजीब होती है :)
अपने मन मे उठी लहरों को सुन्दर शब्द दिये हैं। बधाई।
ReplyDeleteसोचिये अगर ये आवाज़ें ना हों तो?
ReplyDeleteकैसा लगेगा?
एक खामोश संसार की कल्पना कीजिये तब आवाज़ें अजीब नही लगेंगी तब यही आवाज़ें जीवन का संगीत लगेंगी।
...........yashwant bhai jawaab nahi aapka
ReplyDeletebahut hi sunder rachna
आदरणीय वंदना जी !यहाँ आवाजों के अजीब होने का मेरा आशय यह है कि कुछ आवाजें हमें अच्छी लगती हैं और कुछ आवाजों को हम सुनना नहीं चाहते लेकिन हमें सुनना पड़ता है.ये बात जीवन के विषय में भी लागू होती है ज़रूरी नहीं कि सब कुछ वही हो जो हम चाहें.हमारी आकांक्षाओं के विपरीत भी कुछ हो सकता है और हमें खुदको हर स्थिति के लिए तैयार रखना चाहिए.
ReplyDeleteहालांकि मैंने सोचकर नहीं लिखा लेकिन यहाँ "आवाज़" बहुत सी बातों का प्रतीक हो सकती है.
aavaj ko lekar likhi gayi yah kavita bahut hi achchhi lagi .
ReplyDeleteछिड़ी है सबकी तान
ReplyDeleteकुछ मीठी
कुछ तीखी
कुछ मन को भाने वाली
कुछ दिल को जलाने वाली
वाकई कुछ तो सुरीली होती हैं और कुछ तीखी-कर्कश-तेज कानों को चुभने वाली...कुछ के सुनने से मन प्रसन्न हो जाता है और कुछ को सुनकर सिर दुखता है....ये सारी आवाजें जीवन का अंग बन चुकी हैं....बहुत सुंदर रचना...
भिन्न कंपन... विभिन्न आवाजें...
ReplyDeleteकुछ अपनी सी!
सुन्दर रचना!
इन अजीब आवाजों के बिना सोचो तो जिंदगी कितनी अजीब होती होगी!
ReplyDeletevery nice...
ReplyDeletemere blog par bhi sawagat hai..
Lyrics Mantra
thankyou
ye awaaz ... sone nahi deti
ReplyDeleteaati rahti hain
kai baar dekha hai
sannata bhi bolta jata hai
bahut hi gahre ehsaason ko likha hai
ReplyDeleteयशवंत, आपकी यह रचना बहुत सुन्दर बन पड़ी है ... इतनी खूबसूरती से आपने हर तरह की आवाजों का वर्णन किया है कि ऐसा लगता है हम उन आवाजों के बीच हैं ..
ReplyDeleteबहुत सही लिखते हैं.
ReplyDeleteआवाजों से कई प्रतीकों का रिश्ता होता है.अलग अलग तरह की आवाजें कुछ मनभाती कुछ मन को जलाती.
अच्छी रचना.
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
रविवार प्रातः 10 बजे
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
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