कभी कभी
बहुत मुश्किल लगती है
कुछ लिखने के लिये
किसी विषय की खोज
फिर भी
निगाहों के चारों ओर
कुछ तो होता ही है
लिखने के लिये।
©यशवन्त माथुर©
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सार्थक अहसास,आभार.
ReplyDeleteसही कहा.. मुश्किल जरुर होता है पर बहुत कुछ मिलता भी ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteमेरे लिए
ReplyDeleteकुछ नहीं होता
लिखने के लिए ....
शुभकामनायें !!
बहुत सही
ReplyDeletesach hai
ReplyDeletelatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
Bahut Badhiya....
ReplyDeleteकुछ तो होता ही है .....अच्छा है
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 16/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत खूब यशवंत भाई.
ReplyDeleteऐसे भी क्षण आतें होंगे ,
ReplyDeleteमन भी बोझिल होता होगा ,
मन चाह कर भी जब कुछ लिख न पाता होगा
अहसास भी कैसा कसेल्ला होता होगा......... बढ़िया अभिव्यक्ति
sach hai..
ReplyDeletesaral, sehaj, gehan abhivyakti
ReplyDeleteshubhkamnayen