बस यूँ ही
कुछ ख्याल
जो अक्सर
मन में आ जाते हैं
लिख देता हूँ
यहाँ
एक किताब समझ कर
ये कविता है या नहीं
मैं नहीं जानता
ये शायरी या कुछ और
मैं नहीं जानता
बस कोशिश करता हूँ
कुछ अपनी कहने की
और कुछ सुनने की
शायद
इस बात से
कोई नयी बात बन जाए
शायद
एक नयी सोच बन जाए
शायद
मेरा बन बदल जाए
कुछ पल को
और पा लूँ
अस्थायी मुक्ति
छद्म प्रलाप से.
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
ReplyDeleteटिपण्णी कर रही हूँ
ReplyDeleteये सोचकर
शायद इससे
आपका होसला बढ़ जाये.
बहुत खूब.
अच्छे शब्द दिए हैं आपने अपने भाव को ... बहुत खूब ..
ReplyDeleteवाह क्या बात कही है…………सुन्दर भाव संयोजन्।
ReplyDeleteवाह...
ReplyDeleteबहुत खूब...
यहाँ मुक्ति और शांती दोनों है... अपार मात्रा में...
जितनी चाहे बटोर लीजिये...
कुछ पल को
ReplyDeleteऔर पा लूँ
अस्थायी मुक्ति
छद्म प्रलाप से.
अतिसुन्दर भावाव्यक्ति , बधाई
बहुत खूब..सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...
ReplyDeleteisi tarah to mann kalam ban panne per lakiren khinchta hai
ReplyDeleteकमाल की सोच और उम्दा भाव ....बहुत खूब
ReplyDeleteबेहतरीन शब्दों की जादुगरी।
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (05.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
खूबसूरत सोच जगाती पंक्तियां !!!
ReplyDeletebahot achcha likhe hain.
ReplyDeleteकुछ पल को
ReplyDeleteऔर पा लूँ
अस्थायी मुक्ति
छद्म प्रलाप से...
बेहतरीन शब्दों को आपने एक नए दृष्टिकोण से व्याख्यायित किया है..
बहुत बहुत आभार !
यशवन्त माथुर जी,
ReplyDeleteशायद
इस बात से
कोई नयी बात बन जाए
शायद
एक नयी सोच बन जाए
शायद
मेरा बन बदल जाए....
अनेक रंग लिए हुए है आपकी सुन्दर भावाव्यक्ति ...
बहुत खूब ..
कुछ पल को
ReplyDeleteऔर पा लूँ
अस्थायी मुक्ति
छद्म प्रलाप से.
kitna sach kaha he na aapne...sach me...ham sab ..jo likhe jate hain..wo isliye hi to likhte ..likhne ka baad..kuch plon ke liye khud ko halk mehsus krte hain
bahut ache bhaaw...achi rchna
इस बात से
ReplyDeleteकोई नयी बात बन जाए
शायद
एक नयी सोच बन जाए
शायद
मेरा बन बदल जाए
कुछ पल को
और पा लूँ
अस्थायी मुक्ति
छद्म प्रलाप से.
................उम्दा भाव ....बहुत खूब
sunder sachche bhaav -
ReplyDeletebadhai.