जब जब
जो भी मन में आएगा
कहता रहूँगा
कोई तो सुनने आएगा
बोलता रहूँगा
बोलता रहूँगा
जब तक सुनना चाहेंगे लोग
बोलता रहूँगा
जब तक मुझे चाहेंगे लोग
ये शब्दों की उड़ानें हैं
मन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा
बोलता रहूँगा !
जो भी मन में आएगा
कहता रहूँगा
कोई तो सुनने आएगा
बोलता रहूँगा
बोलता रहूँगा
जब तक सुनना चाहेंगे लोग
बोलता रहूँगा
जब तक मुझे चाहेंगे लोग
ये शब्दों की उड़ानें हैं
मन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा
बोलता रहूँगा !
दिल के अल्फाजों को
ReplyDeleteजुबां देता रहूँगा
यह हुई ना बात , शुभकामनायें
ये शब्दों की उड़ानें हैं
ReplyDeleteमन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा... bhut hi acchi lines hai...
दिल के अल्फाजों को
ReplyDeleteजुबां देता रहूँगा
अर्थपूर्ण....सकारात्मक ...
जो भी मन में आएगा
ReplyDeleteकहता रहूँगा
कोई तो सुनने आएगा
बोलता रहूँगा.....
भावपूर्ण सुन्दर कविता...
ये शब्दों की उड़ानें हैं
ReplyDeleteमन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा... aur hum sunte rahenge
ये शब्दों की उड़ानें हैं
ReplyDeleteमन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा
bahut achcha laga.
बहुत सार्थक प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत मनभावन है आपकी रचना … पढ़ कर आनन्द आ गया ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छा लिखा है ।
ReplyDeleteये शब्दों की उड़ानें हैं
ReplyDeleteमन के तराने हैं
दिल के अल्फाजों को
जुबां देता रहूँगा
आपका ब्लॉग बहुत संगीतमय है...
REALLY.... HOW SWEET...
और कविता मनभावन.....
बधाई स्वीकारें !
आप चिंता न करें... हम लोग हैं न सुनने के लिए...
ReplyDeleteआप तो बस बोलते रहें...
खूब बोलो यार ,तुम्हारी आवाज़ बुलन्द हो यही कामना है....
ReplyDeleteआप सभी का तहे दिल से शुक्रिया.
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