kya kahu???????? sabd nhi hai..bhut emotinal panktiya hai...
सुंदर ... ऐसा समय भी आ जाता है....
bahut hi badhiyaa
क्या बात है...यशवंत जी...आपने तो बहुत ही कम शब्दों में बड़ी गुढ़ और प्रेममयी भावसरिता बहा दी...बहुत सुंदर।
अति सुन्दर.............
निशब्द हूँ।
अति सुन्दर| धन्यवाद|
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
अति सुन्दर...........
आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आयी..सुन्दर अभिव्यक्ति है आपकी..ऐसे प्रश्नचिन्ह कई बार लग जाते हैं जिन्दगी में...!
बहुत सुंदर....
yahi to savaal hai laakh take kaa ,kaun hai ham....
मुझ को भूल कर ही अस्तित्वमयी कर दिया मुझको तुम्हारी इन्कार ही स्वीकार कर तुमसा ही बना गयी मुझको ......
बहुत बढ़िया ...
बहुत सुन्दर. आम तौर पर सबने ये सवाल खुद से पूछा ही होगा, कभी न कभी.
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!
आंतरिक पीड़ा की सहज अभिव्यक्ति...
बेवजह तो खुद से सवाल तो नही करते हैं लोग ..जिन्दगी कई बार हमे ही हमारे सामने खड़ा कर देती है बहुत गहरी अभिव्यक्ति ...और उतने ही सुन्दर शब्द |
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
बहुत सुंदर।
kya kahu???????? sabd nhi hai..bhut emotinal panktiya hai...
ReplyDeleteसुंदर ... ऐसा समय भी आ जाता है....
ReplyDeletebahut hi badhiyaa
ReplyDeleteक्या बात है...यशवंत जी...आपने तो बहुत ही कम शब्दों में बड़ी गुढ़ और प्रेममयी भावसरिता बहा दी...बहुत सुंदर।
ReplyDeleteअति सुन्दर.............
ReplyDeleteनिशब्द हूँ।
ReplyDeleteअति सुन्दर| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
ReplyDeleteअति सुन्दर...........
ReplyDeleteआज पहली बार आपके ब्लॉग पर आयी..
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति है आपकी..
ऐसे प्रश्नचिन्ह कई बार लग जाते हैं जिन्दगी में...!
बहुत सुंदर....
ReplyDeleteyahi to savaal hai laakh take kaa ,kaun hai ham....
ReplyDeleteमुझ को भूल कर ही
ReplyDeleteअस्तित्वमयी कर दिया मुझको
तुम्हारी इन्कार ही स्वीकार कर
तुमसा ही बना गयी मुझको ......
बहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर. आम तौर पर सबने ये सवाल खुद से पूछा ही होगा, कभी न कभी.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!
ReplyDeleteआंतरिक पीड़ा की सहज अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबेवजह तो खुद से सवाल तो नही करते हैं लोग ..
ReplyDeleteजिन्दगी कई बार हमे ही हमारे सामने खड़ा कर देती है
बहुत गहरी अभिव्यक्ति ...और उतने ही सुन्दर शब्द |
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDelete