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28 July 2011

इंतज़ार है-

इसे मैंने अपने फेसबुक स्टेटस मे लिखा था। आज कुछ लिखने को नहीं था तो यहाँ भी दे रहा हूँ-


31 comments:

  1. बहुत खूब ... यादों में जीना अच्छा लगता है ...

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  2. आज 28 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
    ____________________________________

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  3. marmsparshi ...gahan abhivyakti ...

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  4. Waah kuch n likhne ka kaha aur itni achhi baat kah dee...achha laga yah aandaj...

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  5. बहुत बढि़या ...।

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  6. वक्त की सुनामी में सबको बह जाना है एक दिन और कैद हो जाना है यादों की कालकोठरी में... जिन्दगी की हकीक़त यही है... भावपूर्ण रचना...

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  7. अच्छा लिखा है .....

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  8. बहुत बढि़या लिखा है..

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  9. बहुत अच्छे ......

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  10. hmmm

    to beh jao na Yashwant
    intezaar kis baat ka hai :)

    Naaz

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  11. बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  12. Vaah ! vaah ! bahut badhiya

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  13. bahut badhiya...sundar abhivyakti.

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  14. हृदयस्पर्शी भाव!

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  15. लेखनी कभी भी शांत नहीं होनी चाहिए शुभकामनाये

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  16. बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  17. bahut sunder bhav........

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  18. कल ,शनिवार (३०-७-११)को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है ,नई -पुराणी हलचल पर ...कृपया अवश्य पधारें...!!

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  19. yaade kuchh pal ko baandh deti hai ,kabhi hansati aur kabhi rula bhi deti hai ,ati sundar hai rachna

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  20. यादों के गलियारे बहुत कुछ सहेजे होते हैं|

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  21. हार्दिक शुभकामनायें।

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  22. आपकी पोस्ट की चर्चा सोमवार १/०८/११ को हिंदी ब्लॉगर वीकली {२} के मंच पर की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ / हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।

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  23. बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति....

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