कुछ लिखना है
किसी के लिये
एक वादे के लिये
जो अभी अभी किया है
किसी से।
वो कहीं दूर
कर रहा है इंतज़ार
मेरे गुमनाम शब्दों का
न जाने क्यों?
न कोई चाह;
न कोई इच्छा ;
न कोई स्वार्थ;
फिर भी अक्सर
मन के दरवाजे पर
एक दस्तक देकर
वो
पकड़ा देता है
एक विषय
और कहता है
कुछ लिखो
असमर्थ सा हूँ
कल्पनाशक्ति के
उस पार जाने मे
फिर भी सोच रहा हूँ
कुछ लिखने को
उस वादे के लिए
जो अभी अभी किया है
किसी से।
किसी के लिये
एक वादे के लिये
जो अभी अभी किया है
किसी से।
वो कहीं दूर
कर रहा है इंतज़ार
मेरे गुमनाम शब्दों का
न जाने क्यों?
न कोई चाह;
न कोई इच्छा ;
न कोई स्वार्थ;
फिर भी अक्सर
मन के दरवाजे पर
एक दस्तक देकर
वो
पकड़ा देता है
एक विषय
और कहता है
कुछ लिखो
असमर्थ सा हूँ
कल्पनाशक्ति के
उस पार जाने मे
फिर भी सोच रहा हूँ
कुछ लिखने को
उस वादे के लिए
जो अभी अभी किया है
किसी से।
बस ऐसे ही वादे पूरे होते रहें ज़िन्दगी सहज हो जायेगी .... शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत खूब...यह है आज की कविता का कमाल...कवि मन सादगी से अपने मन के भाव अभिव्यक्त कर देता है...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
ReplyDeleteआपको हमारी ओर से
सादर बधाई ||
लेखन चलता रहे इससे अच्छा क्या है.... सुंदर कविता ....
ReplyDeleteसुंदर रचना.
ReplyDeleteगुमनाम शब्दों क इन्तजार कर रह है कोई ...
ReplyDeleteलिखने की सार्थक और अधिक हो जति है , जब कोइ बेचैनी से पढ्न चाहत है ...
भावपूर्ण अभिव्यक्ति !
अच्छी पंक्तिया लिखी है बधाई
ReplyDeleteSUNDAR ABHIVYKATI ....
ReplyDeleteकम शब्दों में सुन्दर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteवादा किया है तो निभाना तो पड़ेगा ही ... खूबसूरती से लिखा है ...
ReplyDeletehttp://premchand-sahitya.blogspot.com/
ReplyDeleteयदि आप को प्रेमचन्द की कहानियाँ पसन्द हैं तो यह ब्लॉग आप के ही लिये है |
यदि यह प्रयास अच्छा लगे तो कृपया फालोअर बनकर उत्साहवर्धन करें तथा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें |
http://premchand-sahitya.blogspot.com/
ReplyDeleteयदि आप को प्रेमचन्द की कहानियाँ पसन्द हैं तो यह ब्लॉग आप के ही लिये है |
यदि यह प्रयास अच्छा लगे तो कृपया फालोअर बनकर उत्साहवर्धन करें तथा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें |
बहुत सुन्दर वादा..दिल से निभाया..सुभकामनाए~..
ReplyDeleteantaraatma isi tarah prerit karti hai kuch likhne ke liye.man ke bhaavon ko achche shabdon me dhala hai.aur aabhar itna pyara music blog par lagaane ke liye.
ReplyDeleteअसमर्थ सा हूँ
ReplyDeleteकल्पनाशक्ति के
उस पार जाने मे
फिर भी सोच रहा हूँ
कुछ लिखने को
उस वादे के लिए
जो अभी अभी किया है
किसी से।
बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
वाडे को निभाना है
ReplyDeleteमन को उतारना है
शब्दों के हमसफ़र के लिए ...
कविमन की भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteकल्पनाशक्ति के
ReplyDeleteउस पार जाने मे
फिर भी सोच रहा हूँ
कुछ लिखने को
उस वादे के लिए
जो अभी अभी किया है
किसी से।
एक अलग ही भाव-संसार में ले जाती सुंदर कविता !
वायदा निभाते रहना .....
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति...
ReplyDeleteसादर बधाई...
बहुत ही खुबसूरत पंक्तिया....
ReplyDeleteवादा तो निभाना ही चाहिए .....
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteकभी कभी लिखना बहुत मुश्किल हो जीता है ... मैंने भी किया है महसूस !
ReplyDeleteअपने वादे को निभाते रहें और इसी तरह कुछ लिख लिख कर हमें पढ़वाते रहें... सुंदर कविता !
ReplyDeleteकुछ लिखना है
ReplyDeleteकिसी के लिये
एक वादे के लिये
जो अभी अभी किया है
किसी से।
वो कहीं दूर
कर रहा है इंतज़ार
मेरे गुमनाम शब्दों का
बहुत बारीक-सी कहन...मन को छूने वाली...
लिखने का वादा..जीवन की आशा..प्रेरक रचना..आभार.
ReplyDeleteलिखने वाले को तो बस विषय की तलाश रहती है और को है जो आपको विषय सुझा रहा है तो फिर हिचक कैसी बस लिखते रहिये|
ReplyDeleteऐसे वादों को निभाना ही अच्छा होता है ... जीवन के वादे है ये ...
ReplyDeleteभावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteलेखनी अविराम चलती रहे!
ReplyDeleteक्या बात है
ReplyDeleteआपको पढना एक सुखद अनुभव है।
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 22 -09 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में ...हर किसी के लिए ही दुआ मैं करूँ
आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
ReplyDeleteजय माता दी..
आपको नवरात्रि की ढेरों शुभकामनायें.
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना///
ReplyDelete