कल जहां था
आज फिर
आ खड़ा हूँ उसी मोड़ पर
जिससे हो कर
कभी गुज़रा था
भूल जाने की
तमन्ना ले कर
उस मोड़ पर
सब कुछ
बिल्कुल वैसा ही है
जैसा पहले था
कुछ बदला तो सिर्फ
वक़्त बदला
और उम्र बदली
और फिर वही मोड़ ....आखिर क्यों?
यह दोहराव....अचानक !
क्या सिर्फ मेरे साथ है?
या दोहराव होता है
कभी न कभी
सबके साथ ?
जब मिल जाता है
यूं ही ...
कोई भूला बिसरा मोड़
जिससे होकर गुजरना ही है
क्योंकि
न कोई विकल्प
और न कोई और
रास्ता ही है
इस एक मोड़ के सिवा।
आज फिर
आ खड़ा हूँ उसी मोड़ पर
जिससे हो कर
कभी गुज़रा था
भूल जाने की
तमन्ना ले कर
उस मोड़ पर
सब कुछ
बिल्कुल वैसा ही है
जैसा पहले था
कुछ बदला तो सिर्फ
वक़्त बदला
और उम्र बदली
और फिर वही मोड़ ....आखिर क्यों?
यह दोहराव....अचानक !
क्या सिर्फ मेरे साथ है?
या दोहराव होता है
कभी न कभी
सबके साथ ?
जब मिल जाता है
यूं ही ...
कोई भूला बिसरा मोड़
जिससे होकर गुजरना ही है
क्योंकि
न कोई विकल्प
और न कोई और
रास्ता ही है
इस एक मोड़ के सिवा।
yahi bhatkaav,yahi dohraav,yahi mod.....
ReplyDeleteरास्ता पाया नहीं बस मोड़ ही आते रहे
ReplyDeleteहम मगर कदमों को अपने यूँ ही फुसलाते रहे.
हाथ छूटे, साथ छूटे हम मगर तन्हा चले
हादसे आते रहे और हादसे जाते रहे.
उम्र के मोड़पर सुंदर लिखा है.चिंता न करें ऐसा सिर्फ तुम्हारे ही साथ नहीं ,सब के साथ होता है.
dohraav zaroori hai zindagi mei... warna ham sahi-galat ki pahchaan karne mei perfect nahi ho payenge...
ReplyDeletehaan kabhi-kabhi zaroor lagta hai ki kaash hame hamesha choose nahi karna padta to acchha rahta...
सार्थक व संदेशप्रधान कविता,बहुत अच्छे व सकारात्मक भावों को व्यक्त किया है !
ReplyDeleteyashwant ji likhavat khilti ja rahi in dino aapki...bahut umda bhav....
ReplyDeleteSachmuch zindagi ke raaste anginat mod se bhare hain...vikalp aadi yahan kahan milte hain bhala,,,
बहुत गहन चिंतन और उसकी सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसुन्दर और यथार्थ का चित्रण करती हुई रचना
ReplyDeleteक्या खूब लिखा है अपने.......बढ़िया
ReplyDeleteभुला बिसरा मोड़ नहीं होता ... हम उसे भुलाने की चेष्टा करते हैं , पर बहुत सहज होकर वह मोड़ हर उम्र पे झांकती है.... जो मन से जीते हैं , उनके साथ यही होता है
ReplyDeletesome great lines :)
ReplyDeleteexplained n beautifully expressed few of the complexities of life !!
Loved it.
PS: Been away from blogosphere in past few days, hope u doing fine !!
न कोई विकल्प
ReplyDeleteऔर न कोई और
रास्ता ही है
इस एक मोड़ के सिवा।
..sach kabhi-kabhi jindadi yun hi n jaane kitne modon se gujar kar thahar see jaati hai...
.bahut badiya bhavbhavykti..
यथार्थ का चित्रण.....
ReplyDeleteहर मनुष्य गुज़रता है ऐसे अनेक मोड़ों से ! दुविधा, संशय से हर इंसान दो-चार होता है ! जो कविता सब को अपनी-सी कहानी लगे वह निस्संदेह एक अत्यंत सफ़ल कृति है। बधाई !
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteज़िन्दगी की राह में क़दम-क़दम पर दोराहे आते हैं जहां हमे आगे बढ़ने के पहले बहुत ही सोच-समझकर निर्णय लेना होता है।
ReplyDeleteमोड़ तो बस मोड़ है..इसे भूलाया नही जासकता..भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteमोड़ आते हैं ऐसे कभी न कभी सबके जीवन में!
ReplyDeleteकुछ मोड़ परेशानी से भरे ....
ReplyDeleteकर्तव्य पर अडिग रहें ....सफलता मिलेगी ज़रूर....
सब कि जिंदगी में ये मोड आते है. सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteविचारणीय भाव.... सुंदर रचना
ReplyDeleteHmm hota h.. sabhi k sath :)
ReplyDeleteभुला - बिसरा मोड़ ...
ReplyDeleteवक्त और उम्र के साथ बदला नहीं ...
बेहतरीन!
bahut khoob.....aisa laga padh kar jaise ki merei manodasha kar varnan kar diya ho apnee......
ReplyDeleteन कोई विकल्प
ReplyDeleteऔर न कोई और
रास्ता ही है
इस एक मोड़ के सिवा।
वाह ...बहुत खूब ।
यह मोड़ हम सभी की ज़िंदगी में कभी न कभी आता ही है...
ReplyDeleteहम सभी एक दायरे में ही तो घूम रहे हैं... बार बार वही सब लौट के आता है... केन्द्र पर जाकर ही परिधि से मुक्ति है...ब्रह्मांड ही गोल नहीं हमारा जीवन भी.. सुंदर कविता...
ReplyDeleteअपने विचारों से अवगत कराएँ !
ReplyDeleteअच्छा ठीक है -2
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है कल शनिवार (12-11-2011)को नयी-पुरानी हलचल पर .....कृपया अवश्य पधारें और समय निकल कर अपने अमूल्य विचारों से हमें अवगत कराएँ.धन्यवाद|
ReplyDeleteनमस्कार यशवंत जी...ज्यादा व्यस्तता होने के कारण आज कल आपसबों से दूर रहा.....बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर रचना...लाजवाब।
ReplyDeleteकई बार लगता है की मोड़ पर ही खड़े हैं ..फिर भी आगे तो बढ़ना ही होता है ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत गहरा विश्लेषण
ReplyDeleteसुन्दर रचना....
ReplyDeleteसादर...
बहुत सुन्दर भाव लिखे हैं
ReplyDeleteमोड़ से तो राह निकलती है.
ReplyDeleteयह दोहराव....अचानक !
ReplyDeleteक्या सिर्फ मेरे साथ है?
या दोहराव होता है
कभी न कभी
सबके साथ ?
हाँ यशवंत जी ये मोड़ हर किसी की जिंदगी में आते हैं और फिर जिंदगी का रुख मोड़ देते हैं............बहुत शानदार पोस्ट |
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!
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