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24 November 2011

अजीब से ख्याल

बहुत से ख्याल हमारे मन मे अक्सर आते हैं । यह पंक्तियाँ एक कोशिश है उन लोगों के मन की बात कहने की जो सोचते तो बहुत कुछ हैं और कहते भी हैं पर लिखते नहीं है। अरे आप कोशिश तो कीजिये अपने मन की बातों को शब्द देने की कहीं न कहीं कोई न कोई आपकी बातें ज़रूर पसंद करेगा।

अजीब से ख्याल

कभी सोते मे
सपनों के सतरंगी समुंदर मे
कभी कुछ कहते हुए
कभी कुछ सुनते हुए
किसी को हँसते देख कर
गम से रोते देख कर
कलियों को खिलते देख कर
मुरझाए फूलों को देख कर
हँसते शिशुओं को देख कर 
सड़क पर चलते हुए
हवा मे उड़ते हुए
कहीं काम पर पसीना बहाते
मजदूरों को देख कर
शीत लहरी मे ठिठुरते हुए
मांस के पुतलों को देख कर
और न जाने कब कब
वक़्त बे वक़्त
कुछ ख्याल
अक्सर मन मे आते हैं

ख्याल मन मे आते हैं
कि कुछ कहूँ
किसी से बातें करूँ
उन ख्यालों को बयां करूँ

आस पास कुछ लोग हैं -
डरता हूँ मेरे अजीब से
ख्यालों को सुन कर
वो हँस न दें
कर न दें शर्मिंदा
पर आखिर मैं क्यों चुप रहूँ
क्यों न कहूँ अपने मन की
जो अब तक दबी हुई है
कहीं किसी कोने मे
मन अकुला रहा है
जैसे जाल मे फंस कर
कोई पंछी तड्फड़ा रहा हो
मुक्ति पाने को

पर ये ख्याल
ये ख्याल सच मे
बहुत अजीब होते हैं
इन ख्यालों को
लिख देना चाहता हूँ
कह देना चाहता हूँ
उन से
जो इन ख्यालों का
ख्याल रखते हों :)
दिल से !

35 comments:

  1. अजीब से ख्याल ........ कितनी सही बात कही है आपने यशवंत जी , कितने ही ख्यालों को कागज पर उतारने से , किसी के साथ बांटने में डरते हैं हम.... बहुत ही सुन्दर विचाराभिव्यक्ति !!

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  2. बहुत ही खुबसूरत ख्याल है...... और रचना है....

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  3. पर ये ख्याल
    ये ख्याल सच मे
    बहुत अजीब होते हैं
    इन ख्यालों को
    लिख देना चाहता हूँ
    कह देना चाहता हूँ
    उन से
    जो इन ख्यालों का
    ख्याल रखते हों :)
    दिल से !

    बेहद खूबसूरती से आपने ख्यालों का ख्याल रख कर उन्हें शब्द दिए ....बहुत खूब ......

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  4. ख्याल बाँटने में मज़ा ही कुछ और है सही बात .....

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  5. अपने सुन्दर ख्याल को बहुत खूबी से बाँटा है.....

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  6. तो कह दीजिये, क्यूंकि हम उनमें से हैं, जो ख़यालों का ख्याल रखते है वो भी दिल से :-)

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  7. manibhavon ko sundarta ke sath prastut liya hai .aabhar

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  8. sundar v gahan bhavon ki sarthak prastuti .badhai

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  9. ये ख्याल भी अच्छा है...बहुत खुबसूरत..

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  10. कितने अच्छे शब्दों से समझाया है आपने।

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  11. बहुत अच्छे ख्याल है..
    दुनिया में कई ऐसी चीजे है जिनके बारे में हम अपने
    नजरिये से सोचते है ...और उन्हें सबके साथ बाटने पर
    और भी ज्ञान मिलेगा ...जो सही है
    और मन को अच्छा भी लगेगा.
    बहुत ही बेहतरीन पोस्ट है...

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  12. यशवंत जी,
    बड़े खुबशुरत ख्यालातों से सजाई है रचना मुझे बहुत पसंद आई,बधाई...मेरे नए पोस्ट स्वागत है,

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  13. आपका यह अजीब सा ख्याल हमें बहुत कुछ सोचने पर मज़बूर करता है।

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  14. पर ये ख्याल
    ये ख्याल सच मे
    बहुत अजीब होते हैं
    इन ख्यालों को
    लिख देना चाहता हूँ
    कह देना चाहता हूँ
    उन से
    जो इन ख्यालों का
    ख्याल रखते हों :)

    सुन्दर भाव ..........

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  15. ख्यालों का ख्याल रखने वाले लोग मिल ही जाते हैं...!
    लिखते रहें मन से... मन की बातें!
    शुभकामनाएं!

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  16. सच है कहा सुना भी उन्हीं से जा सकता है जो हमारे ख्यालों का मान रखें ...... सुंदर ख्याल लिए रचना

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  17. कोई तो होता ही है जो ख्यालों को अर्थ दे जाये ...

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  18. वाह ...बहुत खूब ...।

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  19. मन की कशमकश का नया रूप ...बहुत खूब

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  20. सही कहा आपने.....पर हर किसो को भावनाओ को शब्दों में बांधना नहीं आता......और कुछ लोग सिर्फ शब्दों की जादूगरी ही जानते हैं उनमे भावनाए लेशमात्र भी नहीं.....पर आपकी बात सही है कोशिश ज़रूर करनी चाहिए|

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  21. बेजोड़ रचना

    बधाई

    नीरज

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  22. आपने बहुत से खयालो का अच्छा और सटीक चित्रण किया है

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  23. बेहतरीन प्रस्तुति.

    सादर.

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  24. बहुत खूब.
    ख्यालों को बहुत ख़ूबसूरती से ब्यान किया है आपने.

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  25. अपनी बात कह देने का सुख अलग ही है

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  26. ख़याल ऐसे ही होते हैं ..अजीब से आ जाते हैं मन में ... मन की कश्मकश को बखूबी लिखा है ..

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  27. सही कहा यशवंत ...कितनी बार मन में ऐसे ख्याल आतें है पर उन्हें व्यक्त नहीं कर पाते हैं हम ..

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  28. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ... background music भी बहुत अच्छा लगा " एक प्यार का नग्मा है .. "

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  29. प्रत्येक लेखक के मन की बात है ...आप ज़रूर लिखें और अपने विचार साझा करें ...शुभकामनायें आपको ...

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  30. ख्यालों में बहते ख्याल.....बहा ले जा रहे हैं.

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  31. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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  32. khayalon ko keh de,
    yahi accha hota hain.
    apne shabd rupi jharne se,
    khayalon ko bahne do.
    kuch to log iske paas aayenge,
    khayalon ke is tarangit jal se,
    apne ko bheegote jaayenge.

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