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28 February 2012

मन के ठंडे मौसम मे.......

कुछ लाइन्स (पता नहीं कोई अर्थ निकलता भी है या नहीं ) यूं ही मन मे आईं तो अचानक लिख गयीं --
 मन के ठंडे मौसम मे, लू चलती है यादों की
कुछ खुद के अरमानों की , कुछ किसी के वादों की
मैं सोच रहा पल पल क्यूँ ,धूल भी रोने लगती है
बिखरा कर अपने हर ज़र्रे को ,बेनूर सी होने लगती है
है यही प्रीत की रीत, बीत रही कुछ बातों की
सपनीली बहारों की, कुछ अधूरी मुलाकातों की
मन के ठंडे मौसम मे, अब लू चलती है यादों की


22 comments:

  1. मन का ठंडा मौसम ...
    यादों की लू ... वाह अर्थपूर्ण है...बिल्कुल है...

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  2. प्रथम पंक्ति तो लाजवाब है!
    ठण्ड और लू को जोड़ती.. वाह!

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  3. मन के ठंडे मौसम मे,अब लू चलती है यादों की...
    अर्थ पुर्ण सुंदर पंक्तियाँ,..
    बेहतरीन रचना के लिए,यशवंत जी,..बहुत२ बधाई,...

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  4. यूँ ही लिखी गयी पंक्तियाँ अंतस की गहराइयों से निकलती हैं......बहुत खूब..

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  5. ab to yashvant ji loo chal bhi rahi hai aur aise me aapki kavita ki ye panktiyan sarthak prateet ho rahi hain bahut khoob vah...

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  6. लू चलती हो तो मन का मौसम ठंडा कब तक रह पायेगा...दिल से निकली सुंदर कविता !

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  7. बहुत ही सुन्दर कविता है
    दिल से लिखी , दिल को छूती
    बेहतरीन रचना ....

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  8. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  9. मन के ठंडे मौसम मे, अब लू चलती है यादों की.... ,
    यादों की लू के गर्म थपेड़ों से मन से ज्यादा आत्मा झुलसती है.... !!

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  10. बहुत सुंदर पंक्तियाँ और भावपूर्ण अभिव्यक्ति.

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  11. कभी कभी लू भी ठंडक देती है ..

    बहुत सुन्दर |

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  12. मन के ठंडे मौसम मे, लू चलती है यादों की
    कुछ खुद के अरमानों की , कुछ किसी के वादों की
    वाह बहुत गहरी बात है, कम शब्दों में...

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  13. yaaden....yaaden.....bas yaaden....

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  14. पर मन का मौसम ठंडा क्यों है ?????? :):) सुंदर अभिव्यक्ति

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  15. मन के ठन्डे मौसम में लू चलती है यादों की ...
    वाह !

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  16. Man ki yahi samasya hai ki vah vartman men rahta hi nahin.

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  17. बेहतरीन .......शुभकामनाएं !

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  18. बड़े गहरे अर्थ है!!!!!!!!!!!
    लाजवाब...

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