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08 May 2012

नया जीवन



पानी की बोतल मे 
अपनी जड़ों का 
एहसास करता 
बड़े पत्तों वाला वह 
मनी प्लांट 
जिसके पत्ते के ऊपर 
निकल आया 
एक और बड़ा पत्ता 
महसूस कर रहा है 
सुकून
इस पत्ते के भीतर 
तिनकों के बिस्तर पर 
आँखें बंद किये 
चिड़िया के नवजात 
शिशुओं का 
बोझ उठा कर
क्योंकि उसे पता है 
एक दिन 
वो भी साक्षी होगा 
शून्य से
अनंत की उड़ान का !

उड़ान -
जो देगी विस्तार 
उस चिड़िया के 
अनंत सपनों को 
कभी तेज़ 
कभी धीमी 
और कभी थमी हुई 
हवा की  
छुअन के साथ
और वो बच्चे 
देखेंगे 
जीवन का सच 
जब कोई बहेलिया 
फैलाएगा जाल
परीक्षा की 
घड़ी में
और तब 
'जीतना' ही होगा 
लक्ष्य
हर हाल में  !

वो मनी प्लांट 
सोच रहा है 
जीवन का आना 
जीते जाना 
चलते जाना 
कितना अच्छा होता है 
निश्छल चहकना 
माँ के आँचल में 
जो बनाती है 
तिनका तिनका जोड़कर 
गुदगुदा सा बिस्तर 
और खुद 
सोती है 
बोतल के किनारे 
हरे बड़े पत्ते की छांव में 
क्योंकि 
एक नया जीवन 
अनमोल है 
उसके लिये !
 
 <<<<यशवन्त माथुर >>>>

22 comments:

  1. बहुत सुंदर यशवंत..................
    एक आम सी सिचुएशन पर खास सी कविता.....................

    बहुत बढ़िया.
    सस्नेह

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  2. बहुत सुन्दर... हर माँ के लिए अनमोल होता है ये नन्हा सा जीवन, अपनी जान से भी प्यारा...

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  3. क्योंकि
    एक नया जीवन
    अनमोल है
    उसके लिये !
    माँ सच में सहेजना जानती है नए जीवन को..... सुंदर कविता

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  4. बढ़िया प्रस्तुति |
    हमारी ओर से -
    बधाई स्वीकारें ||

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  5. आपकी ये *कविता* साक्षी होगी ....
    आपके लेखनी की ....
    अनंत की उड़ान की !

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  6. एक दिन
    वो भी साक्षी होगा
    शून्य से
    अनंत की उड़ान का !

    .बहुत अच्छी प्रस्तुति,....यशवंत जी,..

    WELCOME TO MY RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

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  7. नया जीवन और अनंत तक उड़ान का सिलसिला मुखरित करती सुन्दर रचना!

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  8. बहुत सुंदर एवं सार्थक रचना ...

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  9. बहुत सुंदर

    तीन बार कमेंट लिखा, पब्लिस करने के पहले ही बंद हो जाताहै। आपके ब्लाग को खोलने में बहुत मुश्किल होती है। प्लीज चेक करो भाई

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  10. हर माँ ऐसे ही सहेजती है अपने बच्चों को...बहुत सुन्दर भाव ..यशवंत..बहुत-बहुत.शुभकामनाएं

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  11. बहुत ही सहज शब्दों में कह गए आप इतनी गहरी बात.....

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  12. जीवन का साक्षात दर्शन आपकी कविता मे झलकता है |बधाई | आपका बहोत-बहोत धन्यवाद यशवन्त माथुर जी , जो आपने मेरे लेख को नयी-पुरानी हलचल मे शामिल किया | हिंदी लेखकों को नये हिंदी पाठकों से जोडने का आपका यह प्रयास सराहनीय है |इस उत्तम प्रयास के लिए आपको ढेर सारी शुभ-कामनाएँ और धन्यवाद |

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  13. बहुत बहुत सुन्दर

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  14. वाह !!! बेहतरीन रचना...

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  15. indira mukhopadhyay


    कविता बहुत अच्छी है,मन को छू गयी.सच में'
    एक नया जीवन
    अनमोल है
    उसके लिये !'

    (ई मेल पर प्राप्त )

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  16. वाह ..बहुत बढिया।

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  17. कोमल भावों कि सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  18. bahut sundar yash mere man ko choo gai kavita, badhai ho bhai

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  19. सरल,सुलझी प्यारी सी कविता :-)

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