कभी कभी
रातों को आते हैं
बड़े ही अजीब से ख्वाब
मैं चला जाता हूँ
अनोखी दुनिया में
एक ऐसी दुनिया
जो घिरी है
ढेर सारे
रंगबिरंगे फूलों से
फूल -
जो कभी मुरझाते नहीं
खिले रहते हैं
महकते रहते हैं
उस दुनिया मे
हर कोई खुश है
क्योंकि सब अमर हैं
उस दुनिया मे
रोजगार हैं;
सब
अपने ही मालिक हैं
और नौकर
कोई नहीं
उस दुनिया मे
सब पैदल चलते हैं
पेट्रोल की महंगाई से
बे फिकर हो कर
क्योंकि
कोई दूर नहीं
सब नजदीक हैं
तन और मन से
मैं रहना चाहता हूँ
उस दुनिया में
बसना चाहता हूँ
हमेशा के लिये
अमर हो कर
खुश रहना चाहता हूँ
पर अफसोस!
सपनों की उस दुनिया मे
मेरे लिये जगह नहीं
क्योंकि
वहाँ पीढ़ियाँ जन्म लेती हैं
अमरत्व का वरदान ले कर
और उस दुनिया के लोग
आना चाहते हैं
सपनों से बाहर की
इस दुनिया में
ताकि कर सकें
वो भी
एक जीवन से
दूसरे जीवन का सफर।
<<<<यशवन्त माथुर>>>>
रातों को आते हैं
बड़े ही अजीब से ख्वाब
मैं चला जाता हूँ
अनोखी दुनिया में
एक ऐसी दुनिया
जो घिरी है
ढेर सारे
रंगबिरंगे फूलों से
फूल -
जो कभी मुरझाते नहीं
खिले रहते हैं
महकते रहते हैं
उस दुनिया मे
हर कोई खुश है
क्योंकि सब अमर हैं
उस दुनिया मे
रोजगार हैं;
सब
अपने ही मालिक हैं
और नौकर
कोई नहीं
उस दुनिया मे
सब पैदल चलते हैं
पेट्रोल की महंगाई से
बे फिकर हो कर
क्योंकि
कोई दूर नहीं
सब नजदीक हैं
तन और मन से
मैं रहना चाहता हूँ
उस दुनिया में
बसना चाहता हूँ
हमेशा के लिये
अमर हो कर
खुश रहना चाहता हूँ
पर अफसोस!
सपनों की उस दुनिया मे
मेरे लिये जगह नहीं
क्योंकि
वहाँ पीढ़ियाँ जन्म लेती हैं
अमरत्व का वरदान ले कर
और उस दुनिया के लोग
आना चाहते हैं
सपनों से बाहर की
इस दुनिया में
ताकि कर सकें
वो भी
एक जीवन से
दूसरे जीवन का सफर।
<<<<यशवन्त माथुर>>>>
वाह भई यशवन्त जी अच्छा लिखा है
ReplyDeleteएक जीवन से
ReplyDeleteदूसरे जीवन का सफर।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
सपनो की सुन्दर दुनिया और एक जीवन से दूसरे जीवन का सफर... सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर यशवंत....
ReplyDeleteसपनो की दुनिया कुछ देर को ही तो भली लगती है......
सस्नेह
अच्छा है सपनों की दुनिया के फूल नहीं मुरझाते.. वरना सपनों और हक़ीक़त में अंतर ही क्या होता!! ..और ये सफ़र तो चलता ही रहेगा..
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति यशवंत भाई...
सादर
बेहद भावपूर्ण रचना...... अंतिम पंक्तियाँ बहुत ह्रदय स्पर्शी हैं!
ReplyDeleteकाश ... काश ...
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - माँ की सलाह याद रखना या फिर यह ब्लॉग बुलेटिन पढ़ लेना
शुभ प्रभात......भाई
ReplyDeleteआना चाहते हैं
सपनों से बाहर की
इस दुनिया में
ताकि कर सकें
वो भी
एक जीवन से
दूसरे जीवन का सफर।
खूबसूरत कविता.....
एक सच का बखान...
सादर
यथार्थ अधिकतर कड़वा होता है....पर कल्पना हमेशा खूबसूरत होती है
ReplyDeleteऔर यही कारण है कि लोग यथार्थ से आहत होकर स्वप्नद्रष्टा बन जाते हैं
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति यशवन्त जी
आभार
उस दुनिया मे
ReplyDeleteसब पैदल चलते हैं
पेट्रोल की महंगाई से
बे फिकर हो कर
सबसे अच्छी बात यही है ....
आपके सपनों की दुनिया की ....
सुख दुख साथ हो तभी जीने का मज़ा है ...जीवन मे हर रंग का अपना महत्व है ....!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रच्ना ...!!
शुभकामनायें यशवंत ...!!
अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
कितनी प्यारी और सुखदायी सपनों की दुनिया है..
ReplyDeleteऐसे सपनों की दुनिया में तो हम भी जाना चाहेंगे...
बहुत ही प्यारी....बेहतरीन रचना:-)
काश ये सपने सच हो जाएँ |
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है .......
On mail by indira mukhopadhyay ji
ReplyDeleteबहुत खूब, काश ऐसी दुनिया होती.
bahut damdaar panktiyan
ReplyDeleteहर कोई चाहता है वह जो उसके पास नही है । अमरत्व काफी उबाऊ होगा नही ?
ReplyDeletekash hakikat ki bhi jindagi bhi ek aisi ho... sunder prastuti...
ReplyDeletesach me bhaut khubsurat hai sapno ki duniya.... behtreen rachna....
ReplyDeletebohot sundar duniya h aoke sapno ki :)
ReplyDeletesundar rachna
ReplyDeleteबहुत बढ़िया....
ReplyDeleteसुन्दर अभ्व्यक्ति...
ReplyDelete"दरया के उस किनारे सितारे भी फूल भी
दरया चढ़ा हुआ हो तो उस पार देखना."
वाह ...बहुत ही बढिया।
ReplyDeletebehatarin
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन पंक्तियाँ..बहुत ही अच्छा लिखा है..
ReplyDeletesundar dunia sundar kavita :)
ReplyDeleteबहुत उम्दा ...सादर
ReplyDeleteसपनीली दुनिया से सच्ची दुनिया की ये यात्रा बहुत अच्छी लगी .........
ReplyDeleteबहुत प्यारा बहुत गहरा भाव ... कल्पना शानदार
ReplyDeleteसपने तो सपने होते है बस यही तो अपने होते है ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
बहुत खूब.....सपनों में ही मिलता अब आराम मुझको।
ReplyDeleteसंजीदा भाव
ReplyDeletehumari sapno ki duniya, ekdum humari own kahani hoti hai,, jahan jaise hum chahe, waise rang bhar sakte hai..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...बेहतरीन रचना...
ReplyDelete