जून का दूसरा दिन और दो साल पूरे करने के बाद यह ब्लॉग अब अपने 3 रे वर्ष मे प्रवेश कर रहा है। 2010-11 की तुलना मे 2011-12 काफी कुछ सिखाने और दिखाने वाला रहा। ब्लॉग के बारे मे तकनीकी जानकारी मे वृद्धि हुई;और सब से बड़ी बात यह कि बहुत से अच्छे दोस्त मिले ,कुछ लोगों से मिलने का मौका भी मिला और कुछ लोगों से फोन पर भी संपर्क हुआ जो अब तक कायम है। हाँ इस दौर मे कुछ दोस्तों से दोस्ती टूटी भी ,जो भ्रम थे उन पर से पर्दा भी हटा और ब्लोगिंग के साथ चल रहे कुछ लोगों के गोरख धंधों का भी पता चला।
फिलहाल मेरे पास ज़्यादा कुछ कहने को नहीं सिवाय इसके कि आप सभी पाठकों के असीम स्नेह के लिए तहे दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ कि आगे भी आपका स्नेह इसी प्रकार बना रहेगा।
प्रस्तुत है मेरी एक पुरानी कविता जो पहले भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित हो चुकी है--
शुरू हो गया
फिर एक नया दौर
कुछ आशाओं का
महत्वाकांक्षाओं का
कुछ पाने का
कुछ खोने का
नीचे गिरने का
उठ कर संभलने का
उसी राह पर
एक नयी चाल चलने का
ये नया दौर
क्या गुल खिलायेगा
कितने सपने
सच कर दिखाएगा
दिल के बुझे चरागों को
क्या नयी रोशनी दिखाएगा
नहीं पता.
नहीं पता -
क्या होगा
क्या नहीं
वक़्त की कठपुतली बना
मैं चला जा रहा हूँ
एक नए दौर की ओर
नए दौर की ओर
जहाँ
पिछले दौर की तरह
चलता रह कर
फिर से इंतज़ार करूँगा
एक और
नए दौर का.
<<<यशवन्त माथुर>>>
फिलहाल मेरे पास ज़्यादा कुछ कहने को नहीं सिवाय इसके कि आप सभी पाठकों के असीम स्नेह के लिए तहे दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ कि आगे भी आपका स्नेह इसी प्रकार बना रहेगा।
प्रस्तुत है मेरी एक पुरानी कविता जो पहले भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित हो चुकी है--
नए दौर की ओर
फिर एक नया दौर
कुछ आशाओं का
महत्वाकांक्षाओं का
कुछ पाने का
कुछ खोने का
नीचे गिरने का
उठ कर संभलने का
उसी राह पर
एक नयी चाल चलने का
ये नया दौर
क्या गुल खिलायेगा
कितने सपने
सच कर दिखाएगा
दिल के बुझे चरागों को
क्या नयी रोशनी दिखाएगा
नहीं पता.
नहीं पता -
क्या होगा
क्या नहीं
वक़्त की कठपुतली बना
मैं चला जा रहा हूँ
एक नए दौर की ओर
नए दौर की ओर
जहाँ
पिछले दौर की तरह
चलता रह कर
फिर से इंतज़ार करूँगा
एक और
नए दौर का.
<<<यशवन्त माथुर>>>
हर नए दौर की ओर इसी विश्वास के साथ कदम बढ़ें...
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
सुंदर रचना..... बधाई, यूँ लिखते रहें......शुभकामनायें
ReplyDeleteयूँ ही बढते चलो...पढते चलो...लिखते चलो....खिलते चलो......
ReplyDeleteशुभकामनाएँ यशवंत
सस्नेह
हमारा आशीर्वाद और शुभकामनायें साथ है।
ReplyDeleteअनंत शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteआज तो आपके ब्लॉग का जन्मदिन है .... इसलिए बहुत - बहुत बधाई और शुभकामनायें .... आप यूहीं हमेशा अच्छी-अच्छी कवितायें लिखते रहियें ....
ReplyDeleteपिछले दौर की तरह
चलता रह कर
फिर से इंतज़ार करूँगा
एक और
नए दौर का.
ये ज़ज्बा अच्छा लगा ... हमेशा बनाए रखियेगा .....
बस आज कल परसों में दिन परिवर्तित होते जाते हैं....नई मंजिलें तै होती जाती हैं...बहुत कुछ बदल जाता है ...और रह जाती हैं कुछ यादें......कुछ अनुभव......आपका यह सफ़र यूहीं नई ऊँचाइयाँ छूता रहे .
ReplyDelete.यूँ ही बढते चलो,चलते चलो ....'.सिर्फ हाथ भर की दूरी है छूने को आसमा है'...यशवंत बहुत -बहुत बधाई.. ढेरों सी शुभकामनायें...
ReplyDeleteवाह...बहुत सुन्दर प्रस्तुति! बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
दो वर्ष पूरा करने पर,बहुत२ बधाई,साथ ही हमारा आशीर्वाद और शुभकामनायें,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST .... काव्यान्जलि ...: अकेलापन,,,,,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें....
ReplyDeleteये नया दौर
ReplyDeleteक्या गुल खिलायेगा
कितने सपने
सच कर दिखाएगा
दिल के बुझे चरागों को
क्या नयी रोशनी दिखाएगा
नहीं पता......
बस इतना सा ख्वाब है.....!
बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteनया दौर
ReplyDeleteसारे सपने
सच कर दिखायेगा
बधाई और शुभकामनायें.....
अनंत शुभ कामनाये आपको यशवंत जी....
ReplyDeleteआपकी लेखनी उत्कृष्ठ बनती जाये....
:-)
☺
ReplyDelete2 varsh poore hone par bahut -2 badhai....likhte raho padhte raho.......dhero shubhkaamnaye...Yashwant bhai
ReplyDeletergds
@ Sanjay bhaskar
नए दौर में प्रवेश की शुभकामनाएँ ........विश्वास ..भ्रम में छिप कर रहता हैं ...और जब भ्रम टूटता हैं तो बहुत तकलीफ होती हैं ...इस बात को बहुत अच्छे से हम महसूस करते हैं .....सादर
ReplyDeleteबहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं , यशवंत ऐसे ही आगे बढ़े चलो ... जय हो !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - दा शो मस्ट गो ऑन ... ब्लॉग बुलेटिन
behtreen bhaav ko shabdo me piroya hai apne.....
ReplyDeletebadhai....badhiya post
ReplyDeleteनए दौर में लिखेंगे, मिलके नयी कहानी.. :)
ReplyDeleteदो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में ढेरों शुभकामनाएं!!
सादर
नए दौर की बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteदो वर्ष पूरे होने पे बधाई .. शुभकामनायें ... ये साथ यूं ही बना रहे ...
ReplyDeleteteesre varsh ki badhai
ReplyDelete'naya daur' bahut achha likha hai
shubhkamnayen
शुभकामनाएं,ब्लोग पर,आपकी उपस्थिति के दो वर्ष पूरे होने पर---
ReplyDelete’नये दौर क्या गुल खिलाएगा—
मेरी एक रचना—जो मेरे ब्लोग,’मन के-मनके’पर प्रस्तुत हो चुकी है,
उससे चुनी हुई दो पंक्तियां—
’सपनों की कश्ती को बहने दो
आशाओं के चप्पू से, उसे जरा हिला तो दो’
बधाई हो २ वर्ष की....वक़्त के साथ इन्सान बहुत कुछ सीखता जाता है ।
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