मेरी इस फेसबुक कवर फोटो पर वर्षा शुक्ला जी ने 'नादान परिंदे' लिख कर अपनी टिप्पणी दी थी। उनकी टिप्पणी से मिले आईडिया के आधार पर उस समय जो मन मे आया वह सबसे पहली 4 पंक्तियों के रूप में फेसबुक पर ही लिख दिया था। आज उन पंक्तियों को और बढ़ा कर यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ-
कभी नादान हुआ करते थे,अब शैतान हुआ करते हैं,
कभी बेखौफ उड़ा करते थे,अब चलने में सोचा करते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
लम्हे तब साथ चलते थे,अब लम्हों में जीया करते हैं
कभी बेखौफ उड़ा करते थे,अब चलने में सोचा करते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
लम्हे तब साथ चलते थे,अब लम्हों में जीया करते हैं
कुछ सपने तब भी बुनते थे, कुछ सपने अब भी बुनते हैं
घूम फिर कर नयी राह पर,हर पल आ पहुँचते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
तब चलते थे हाथ थाम कर,अब मन भर दौड़ा करते हैं
कभी बातें खुद से करते थे,अब बातें सब से करते हैं
कभी पन्नों से खुद की कहते थे,अब मन की सब से कहते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
तब राहों की बाट जोहते थे,अब राहों पे सफर करते हैं
कभी नादान हुआ करते थे ,अब शैतान हुआ करते हैं
कभी लिख कर फाड़ा करते थे,अब हर अक्षर सहेजा करते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
तब ज़मीन पे फुदका करते थे,अब आसमां में उड़ा करते हैं।
बहुत सुंदर .... परिंदे की परवाज़ बनी रहे ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आंटी!
ReplyDeleteसुन्दर कविता
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteकभी नादान हुआ करते थे,अब शैतान हुआ करते हैं,
ReplyDeleteकभी बेखौफ उड़ा करते थे,अब चलने में सोचा करते हैं
परिंदे हम तब भी थे,परिंदे हम अब भी हैं
लम्हे तब साथ चलते थे,अब लम्हों में जीया करते हैं
mar dala aapane gajab ki baaten
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बहुत बहुत धन्यवाद सर!
ReplyDelete:)
ReplyDeleteKeep flying Yash!
Thank you Boss :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमयी अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteधन्यवाद सर!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत पंक्तियाँ.... मन को छू gayiin
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया कल्पना जी।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अंदाज़, आसमान पर उडती हुई रचना बेहद पसंद आई ....
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया इन्दु जी !
ReplyDeleteये डिस्कस क्या है भाई
ReplyDelete2012/11/22 Disqus
यही कमेन्ट बॉक्स है दीदी :)
ReplyDeleteधन्यवाद दीदी !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना यशवंत जी..
ReplyDelete:-)
बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 24/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteLife has many colors....so as ours :)
ReplyDeleteNice snaps yashwant ji :)
Thank you very much !
ReplyDeleteHave a Good time!
बहुत ही सुन्दर रचना यशवंत जी..
ReplyDeleteजन्मदिन की शुभकामनाएँ...
:-)
बहुत बहुत धन्यवाद !
ReplyDeleteअरे ये छोटा सा बच्चा यशवंत है ???सो क्यूट !!! बहुत सुन्दर पंक्तियाँ वाह पंक्तियों में ही जीवन बढ़ते हुए पायदान के सभी रंग बिखेर दिए बहुत खूब शुभ कामनाएं
ReplyDeleteजी आंटी मैं ही हूँ :)
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद !