दीवारों के उस पार
आज तो नज़र आना ही है
सड़कों के उस पार
कदम बढ़ाना ही है
जहां बसता है 'लोक'
'तंत्र' की बाट जोहता हुआ
कूड़े के ऊंचे ढेरों में
जवानी को खोजता हुआ
बिना आँचल की छांव
सड़कों पर लोटता हुआ
रोता हुआ
या झुरमुटों की ओट में
तार तार होता हुआ
जो भी हो मजबूर 'भारत'
आज तो चमकना ही है
'इंडिया' की बोतल को पी कर
आज तो बहकना ही है
हो भले तस्वीर बदरंग
तिरंगा लहराना ही है
गीत भले ही हों पराए
पर आज तो गाना ही है
दीवारों के उस पार
आज तो नज़र आना ही है
चूने की सफेदी को गर्व से
राजपथ पे छाना ही है।
©यशवन्त माथुर©
आज तो नज़र आना ही है
सड़कों के उस पार
कदम बढ़ाना ही है
जहां बसता है 'लोक'
'तंत्र' की बाट जोहता हुआ
कूड़े के ऊंचे ढेरों में
जवानी को खोजता हुआ
बिना आँचल की छांव
सड़कों पर लोटता हुआ
रोता हुआ
या झुरमुटों की ओट में
तार तार होता हुआ
जो भी हो मजबूर 'भारत'
आज तो चमकना ही है
'इंडिया' की बोतल को पी कर
आज तो बहकना ही है
हो भले तस्वीर बदरंग
तिरंगा लहराना ही है
गीत भले ही हों पराए
पर आज तो गाना ही है
दीवारों के उस पार
आज तो नज़र आना ही है
चूने की सफेदी को गर्व से
राजपथ पे छाना ही है।
©यशवन्त माथुर©
वन्देमातरम् ! गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteशुभप्रभात बेटे जी :))
ReplyDeleteसामयिक सार्थक प्रस्तुती (Y)
शुभकामनायें !!
प्रभावी प्रस्तुति ||
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की शुभकामनायें-
प्रभावी प्रस्तुति. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ
ReplyDelete64we republic day ki badhaii
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...गड्तंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteलगा जैसे मेरी कविता का जवाब है ...जो भी है लाजवाब है ...गणतंत्र दिवस कि शुभकामनाएं ...:)
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
ReplyDeleterecent post: गुलामी का असर,,,
जो भी हो मजबूर 'भारत'
ReplyDeleteआज तो चमकना ही है
'इंडिया' की बोतल को पी कर
आज तो बहकना ही है
हो भले तस्वीर बदरंग
तिरंगा लहराना ही है
गीत भले ही हों पराए
पर आज तो गाना ही है
वन्देमातरम . गजब की जिजीविषा