जिद्दी मन
कभी कभी
खुद की भी नहीं सुनता
और वही करता है
जो उसे
खुद को
अच्छा लगता है।
~यशवन्त माथुर©
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सही है
ReplyDeleteसुनो सबकी
करो मन की
शुभकामनायें !!
खुद को अच्छा लगता है वही करता है इसका अर्थ तो यही हुआ कि खुद को ही सुनता है..?
ReplyDeleteसुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDeleteमन की बात सुनना भी जरुरी है, वह जो भी करता है मन से करता है...शुभकामनायें ...
ReplyDeleteमन कि जिद से कौन जीत पाया है भला ...
ReplyDeleteसही कहा आपने प्रणाम स्वीकारें इस शानदार प्रस्तुति के लिए ...
ReplyDeleteSunder Panktiyan
ReplyDeleteउसकी बात सुननी तो पड़ेगी,पर बच्चों जैसा होता है मन बहलाना भी आसान है .
ReplyDeleteसच है !!!
ReplyDeleteमन ही जो ठहरा
ReplyDeletebilkul sahi kaha
ReplyDeletejiddi man kahan sunta hai...
shubhkamnayen
sach hai ziddi man nhi sunta...
ReplyDeleteachha likha hai
shubhkamnayen