आभासी दुनिया के
ऑनलाइन रिश्ते
अपने भीतर
सिर्फ समेटे रहते हैं
एक आभास
कुछ होने का
जो वास्तव में
कुछ नहीं होता ।
यहाँ वहाँ बिखरे
ज्ञान विज्ञान
मनोरंजन की
बातों के बीच
छल छद्म
द्वेष स्वार्थ
और लालच
जमाए रहते हैं
कहीं गहरी पैठ
जिसका नतीजा
होते हैं
सिर्फ कुछ सिफर
जो शिखर से गिर कर
हजार टुकड़ों में बंट कर
फर्श पर
कहीं बिखरे होते हैं ।
आभासी दुनिया के
ऑनलाइन रिश्ते
कुछ ऐसे ही होते हैं।
~यशवन्त यश©
ऑनलाइन रिश्ते
अपने भीतर
सिर्फ समेटे रहते हैं
एक आभास
कुछ होने का
जो वास्तव में
कुछ नहीं होता ।
यहाँ वहाँ बिखरे
ज्ञान विज्ञान
मनोरंजन की
बातों के बीच
छल छद्म
द्वेष स्वार्थ
और लालच
जमाए रहते हैं
कहीं गहरी पैठ
जिसका नतीजा
होते हैं
सिर्फ कुछ सिफर
जो शिखर से गिर कर
हजार टुकड़ों में बंट कर
फर्श पर
कहीं बिखरे होते हैं ।
आभासी दुनिया के
ऑनलाइन रिश्ते
कुछ ऐसे ही होते हैं।
~यशवन्त यश©
बहुत ही बेहतरीन कविता है कुछ hindi quotes भी पढ़े
ReplyDeleteइसकिये ही तो इन्हें आभासी कहा जाता है ... आज हैं तो कल नहीं ...
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
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