विरले ही होते हैं कुछ लोग इस तरह के जो,
डूब जाते हैं खुद, पार तिनके को लगा देते हैं।
वो लहरों के साथ-साथ चलते तो नहीं मगर
डगर दुनिया को एक नयी सी दिखा देते हैं ।
उनके आगे क्या अपना– क्या पराया कोई
वो अपनी बातों से हर सोते को जगा देते हैं।
विरले ही होते हैं कुछ लोग इस तरह के जो,
अपनी साँसों से किसी और को जिला देते हैं।
-यश ©
13/09/2018
बहुत सुंदर
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव
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