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22 December 2018

खबर की तलाश में.........


खबर की तलाश में,बन गया खबर ही खुद
बा खबर था लापता, बे खबर रहा न कुछ।

बात कोई नयी कहते हुए,काँटों पर चलते हुए
फूलों पर सोते हुए, नये ख्वाब कुछ बुनते हुए। 

बूझता पहेलियाँ रहा, खुद के अक्स पर छपता रहा
अँधेरों में भटकता रहा, हर शख्स को खटकता रहा।

हल की तलाश में, मिल रहा छल-बल  न खुद
बेहाल हो कर गिर पड़ा,ताबूत में मिला न कुछ।
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-यश ©
22/12/2018

 


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