जो करना है तुमको
करते रहना मगर
उन्हें एक ठौर पाने तो दो
कारवां गुजर जाने दो।
वो इस उम्मीद में थे
कि हाथ खाली न होंगे
जो देखते हैं ख्वाब
सिर्फ खयाली न होंगे।
लेकिन पता क्या था
दिन एक ऐसा भी आएगा
जो उनका है उनसे ही
दूर हो जाएगा।
समय चक्र सबका है
सब में न भेद हो जाने दो
निकला जो मंजिल की तरफ
वो कारवां गुजर जाने दो।
-यशवन्त माथुर ©
28/03/2020
करते रहना मगर
उन्हें एक ठौर पाने तो दो
कारवां गुजर जाने दो।
वो इस उम्मीद में थे
कि हाथ खाली न होंगे
जो देखते हैं ख्वाब
सिर्फ खयाली न होंगे।
लेकिन पता क्या था
दिन एक ऐसा भी आएगा
जो उनका है उनसे ही
दूर हो जाएगा।
समय चक्र सबका है
सब में न भेद हो जाने दो
निकला जो मंजिल की तरफ
वो कारवां गुजर जाने दो।
-यशवन्त माथुर ©
28/03/2020
बहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteनया कारवां भी आयेगा..इसको तो जाने ही दो..
ReplyDeleteये कारवां गुजर जाने दो..
बहुत सुंदर रचना..
सादर प्रणाम