प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

23 March 2020

कुछ लोग-47

खुद
सामने आने के बजाय
कुछ लोग
चलते हैं
अपनी चालें
उन ना-समझ मोहरों से
जो होते हैं बे-खबर
प्रत्यक्ष के
परोक्ष से।
पर वो नहीं जानते
कि ये मोहरे ही
अक्सर उनके
विभीषण बनकर
दिखा देते हैं
असत्य के भीतर
कहीं गहरे से दबा
सत्य।
कई उजले मुखौटों के
सौन्दर्य को
दर्पण में निहारते
कुछ लोग
जानकर भी
अनजान बने रहते हैं
कि उनकी
बतकहियों के तूफान में
शांत रहने का अर्थ
आत्मसमर्पण नहीं
सामने वाले का
संकल्प होता है।

-यशवन्त माथुर ©
23/03/2020

1 comment:

  1. जरूरी है संकल्प लेना समर्पण का। सुन्दर।

    ReplyDelete
+Get Now!