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20 October 2025

आओ आज एक दीप जलाएं

कुछ ऐसा करें 
कि मुरझाए चेहरे मुस्कुराएं
आओ आज एक दीप जलाएं।

एक दीप
जो समरसता का हो 
सबकी साझी सभ्यता का हो।

जगमगाएं जिससे 
दसों दिशाएं
आओ आज एक दीप जलाएं।

एक दीप 
जो भरे उजास
हर गरीब की देहरी पर।

और जिसकी लौ से
अमृत बने
मिट्टी के कच्चे चूल्हे पर।

जिसकी तपिश
तमस मिटाकर 
सबके सारे भरम हटाए

आओ आज एक दीप जलाएं।

यशवन्त माथुर

4 comments:

  1. शुभकामनाएं दीप पर्व की

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  2. दीपावली पर सबके लिए मंगल कामना से भरी सुंदर रचना!!

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  3. बहुत सुंदर, दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई

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