हो हर समय मुस्कुराहट, ज़रूरी तो नहीं
हो हर समय गम की आहट, ज़रूरी तो नहीं।
ज़रूरी तो नहीं,हर समय मेरा यहाँ होना
कभी घनी रात,कभी सवेरा होना।
ज़रूरी तो कुछ भी नहीं, फिर भी ज़रूरत उसी की है
जिसके न होने में बेवफाई, मजबूरी तो नहीं।
हम तो ऐसे ही हैं 'यशवन्त', हमें ऐसे ही रहने दो
मतलब की हर बात से,मुलाक़ात ज़रूरी तो नहीं।
~यशवन्त माथुर©
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सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteयहाँ आना बहुत जरुरी है, लिखना बहुत जरुरी है...शुभकामनाये
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति सुंदर सहज सार्थक रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
बहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteशुभकामनायें
मतलब की बात से मुलाकात तो अधूरी ही होगी
ReplyDeleteबात भी वही होगी जो जरूरी ही होगी
लेकिन जिंदगी गैर जरूरी बातों से ही खुशनुमा बनती है..
गम की आहट ज़रूरी नहीं पर मुस्कुराहट ज़रूरी है...शुभकामनाये
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