सामाजिक दूरी की
मान्यता वाले
इस कल्पनातीत दौर में
चुटकी भर रंगों की
औपचारिकता के साथ
बुरा मानने को मिल चुकी
वैधानिकता के साथ
बस तमन्ना इतनी है
कि सड़कों के किनारे
और झुग्गियों में रहने वाले
गर रख सकें जीवंत
शहरी रईसों द्वारा
इतिहास बना दी गई
फागुन की 'असभ्यता' को
तो कितना अच्छा हो।
तो कितना अच्छा हो
कि आखिर कहीं तो
हम साक्षात हो सकें
अपने बीत चुके वर्तमान से
जिसने कैद कर रखा है
गली-गली की मस्तियों को
डायरियों और तस्वीरों में
जिसने घूंट-घूंट कर पिया है
और जीया है
भंग की तरंग में
लड़खड़ाती जुबान
और कदमों की थिरकन को
काश!
यूँ समय के सिमटने के साथ
हम कभी भूल न पाएं
हिलना-मिलना
और गले लगना
तो कितना अच्छा हो।
.
(होली का पर्व आप सबको सपरिवार शुभ और मंगलमय हो)
28032021
यह काम हमें ही करना होगा यशवंत जी और करना चाहिए हर हाल में ।
ReplyDeleteआपसे सहमत हूँ सर!!
Deleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
बहुत ही सारगर्भित, यथार्थपूर्ण अभिव्यक्ति ।आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
बहुत ही बढ़िया कहा । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२९-०३-२०२१) को 'एक दिन छुट्टी वाला'(चर्चा अंक-४०२०) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
हार्दिक धन्यवाद!
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
काश कि ऐसा हो तो कितना अच्छा हो...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सार्थक लाजवाब सृजन।
सादर धन्यवाद!
Deleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteरंगों के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
धन्यवाद सर!
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
वाह👌
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
मुग्ध करती रचना - - होली की शुभकामनाओं सह।
ReplyDeleteधन्यवाद सर!
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
होली की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteधन्यवाद प्रीति जी !
Deleteआपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति, होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteसार्थक रचना
ReplyDeleteरंगों का त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं टीम सुगना फाउंडेशन
सादर धन्यवाद!
Deleteबहुत ज़रूरी और सार्थक पोस्ट...
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
सादर धन्यवाद!
Deleteआदरणीय, बहुत सुंदर नए अर्थ तलाशती रचना। होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!--ब्रजेंद्रनाथ
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteआमीन, जरूर पूरी होगी आपकी कामना और अगली होली पर फिर से होगा धूम धड़ाका, होली मिलन समारोह भी पहले की तरह, एक वायरस सदा के लिए तो मानव को बंदी नहीं बना सकता
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteबहुत ही विचारणीय आलेख, यशवंत भाई। पहल हम सभी को ही करनी होगी।
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteसार्थक सृजन - - साधुवाद सह।
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteखूबसूरत रचना
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteप्रशंसनीय प्रस्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteबहुत दिनों से आपने नया कुछ प्रकाशित नहीं किया, सब कुशल तो है न
ReplyDeleteजी हाँ हम लोग सब कुशालता से हैं, उम्मीद है आप भी सपरिवार सकुशल होंगी। इंटरनेट कनेक्टिविटी कि समस्या है जिसकी वजह से अभी पोस्ट नहीं कर पा रहा हूँ।
Deleteआशा का संचार करती बहुत ही सुंदर रचना, यशवंत जी।
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