प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

16 May 2019

काश! इसे समझ पाऊँ मैं.......

रात के गहरे
सुनसान में
अन्तर्मन के
घमासान में
आए नींद तो
सो जाऊँ मैं
सपनों में कहीं
खो जाऊँ मैं। 

सपने जो
दिखलाते हकीकत
भूत और वर्तमान की
सपने जो
झलक दिखाते
भविष्य के पूर्वानुमान की।

सब कुछ समझ कर
जानकर फिर भी
क्यूँ खुद का अहं
दिखाऊँ मैं
छल-प्रपंच ही
सत्य जीवन का
काश!
इसे समझ पाऊँ मैं।

-यश©
16/मई/2019 

1 comment:

+Get Now!