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20 April 2019

आओ वोट करें

यही अधिकार-कर्तव्य हमारा
इसका प्रयोग करें
समय आ गया चुनावों का
आओ वोट करें।

लोकतंत्र का मर्म यही है
चुनना उसको जो सही है
पाँच साल का लेखा-जोखा
सबके पास खाता-बही है।

दल के दलदल में मत फंसना
जात-पात से किनारा करना
बिना  प्रलोभन बूथ पर जाना
ई. वी. एम. का बटन दबाना ।

गर्व यही स्वाभिमान हमारा
हर खोट पर इससे चोट करें
समय आ गया चुनावों का
आओ वोट करें।

-यश©
18 मार्च 2019 

10 April 2019

यहाँ न कोई किस्सा हो........

न गिला-शिकवा हो कोई,
न अपना कोई किस्सा हो।
बीत जाए जो ये ज़िन्दगी,
तो फिर कितना अच्छा हो।
.
बहुत पल बीते बहार में,
यह पतझड़ का दौर है।
अपना न कोई बेगानों में,
मौत ही अब एक ठौर है।
.
वो कहते हैं मैं सुनता हूं,
ये बात न हो तो अच्छा हो।
बीते कल की दोहराहट का,
यहाँ न कोई किस्सा हो।
.
~यश©
09/04/2019

09 April 2019

क्योंकि वो नौकरी करता है .........

क्योंकि वो नौकरी करता है
दिन भर
कोई अपने दफ्तर में
कोई हर मौसम में
बदज़ुबानी और
जिल्लत को जीता है
क्योंकि वो नौकरी करता है ।

क्योंकि वो नौकरी करता है
लौट कर
अपने छोटे से घोंसले में
बे-हौसला, बे-हाल 
बस उनींदा सा
चिड़चिड़ा सा रहता है 
क्योंकि वो नौकरी करता है ।

क्योंकि वो नौकरी करता है
उसका दिन,उसकी रात
उसकी हर बात
उसका हर पल
सिर्फ 'लक्ष्य' की चिंता में
कहीं डूबा सा रहता है
क्योंकि वो नौकरी करता है ।

क्योंकि वो नौकरी करता है
उसके रिश्ते-नाते
समाज,घर और परिवार
हर पैमाने पर
अपनी मासिक आय से
वो तुलता सा रहता है
क्योंकि वो नौकरी करता है ।

क्योंकि वो नौकरी करता है
इसलिए, है तो वो नौकर ही
जो खुद से बेपरवाह
बस अपने मालिक के रहम पर
पसीने से तर-बतर
अपना करम करता है
क्योंकि वो नौकरी करता है ।

-यश©
09/04/2019

02 April 2019

इतिहास ......

हर दिन लिखा जाता है
हर दिन मिटाया जाता है
इतिहास वो होता है जो
हर पल बनाया जाता है।

फिर ऐसी क्या बात का कहना
है आज हमारा कल का गहना
आते- जाते उठकर-गिरकर
रुक कर कभी थोड़ा चल कर। 

वक़्त का हर एक पन्ना अपनी
किस्मत से छपता जाता है
समय की अमिट सियाही से
इतिहास बनता जाता है।

कभी कपट, छल, दंभ, द्वेष से
मुखौटों से या बदलते परिवेश से
सच नहीं बन सकता झूठ कभी
कुछ नहीं होगा किसी आडंबर से।

हर दिन बताया जाता है
हर दिन समझाया जाता है
इतिहास वो होता है जिसको
बदलाव दिखाना आता  है।

-यश ©
02/04/2019

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