आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी बधाइयाँ। इस अवसर पर प्रस्तुत है बाल कविता लिखने का मेरा पहला प्रयास-
दूर देश से आ कर के
झोली भर खुशियाँ दे जाना
अबकी बार जो आए तो
अंकल सेंटा नहीं जाना।
झोली भर खुशियाँ दे जाना
अबकी बार जो आए तो
अंकल सेंटा नहीं जाना।
(चित्र:साभार गूगल इमेज सर्च ) |
ज़िंगल बेल्स की प्यारी धुन
और क्रिसमस ट्री सजा हुआ है
दुनिया का कोना कोना
दुनिया का कोना कोना
स्वप्नलोक सा बना हुआ है।
नहीं रहे कहीं जात धर्म
रंगभेद दूर हटा जाना
गुरबत मे जीने वालों को
एक नयी राह दिखा जाना।
रंगभेद दूर हटा जाना
गुरबत मे जीने वालों को
एक नयी राह दिखा जाना।
हम मानव हैं मानव बनें
माँ बहनों का सम्मान करें
मिलजुल रहें दुनिया के वासी
नहीं खुद पर अभिमान करें।
और कुछ चाहिये नहीं हमको
बस संकल्प नेक करा जाना
और जब तक कोई समझ सके ना
अंकल सेंटा नहीं जाना।
~यशवन्त यश ©
~यशवन्त यश ©