हमारे चारों ओर के
इस घने अंधेरे में
समय थोड़ा ही हो
भले उजेला होने में
विश्वास आत्म का
आत्म पर यूं ही बना रहे
साकार हर स्वप्न
सदा होता रहे
अपने हर सरल -
कठिन रूप में
जीवन जगमगाता रहे
दीप जलता रहे
उजास लाता रहे।
✓यशवन्त माथुर©
🪔आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🪔
सुंदर प्रार्थना, शुभ दीपावली!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 6 नवंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
सुन्दर अभिलाषा! ऐसा ही हो!
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