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27 December 2010

बदलता ज़माना

वैसे तो यह कविता इस ब्लॉग पर पहले भी प्रकाशित कर चुका हूँ;एक बार फिर से आपकी सेवा में प्रस्तुत है-

फ़िल्मी डांस डिस्को क्लबों में नाच गाना है,
शराब और कवाब का रिश्ता पुराना है
इसी रिश्ते को और मज़बूत बनाना है
भारतीय नहीं हमें तो इंडियन कहलाना है॥

रोटी साग सब्जी दाल चावल नहीं भाता हमें
पूरी और परांठे का गुज़रा ज़माना है
चाउमीन चिकन डोसा इडली और पेटीज बर्गर
यही नए ज़माने का हाईटेक खाना है॥

शास्त्रीय राग छोड़ रॉक पॉप गाइए
कान फोडू संगीत पर ठुमका लगाना है
आशा,रफ़ी,लता,मुकेश,किशोर भूल जाइये
सुरैय्या के सुरों का न पता न ठिकाना है॥

नमस्कार,आदाब,सतश्री अकाल अब कहना नहीं
हेल्लो,हाय गुड बाय कहता ज़माना है
सीता राम,राधा कृष्ण ,प्रभु नाम लेना नहीं
घर-घर में अमिताभ-सचिन का पोस्टर सजाना है॥

दुखी हैं दूसरे के सुख से ,अपने सुख से सुखी न कोई
दौलत के अंधों ने सच्चाई को नहीं जाना है
करेंगे करम खोटे ,रोना पछताना फिर
'यशवन्त यश '  कहता फिरे ज़ालिम ज़माना है॥


18 comments:

  1. दुखी हैं दूसरे के सुख से ,अपने सुख से सुखी न कोई
    सच कहा...!
    बदलते समय और बदलते मूल्यों पर सटीक लिखा है!

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  2. दुखी हैं दूसरे के सुख से ,अपने सुख से सुखी न कोई...

    आजकल के हालात पर बहुत सटीक टिप्पणी..बहुत सुन्दर

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  3. हम इंडियन हो गए है ॥
    शानदार पोस्ट /
    नए साल की बधाई

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  4. दुखी हैं दूसरे के सुख से ,अपने सुख से सुखी न कोई
    दौलत के अंधों ने सच्चाई को नहीं जाना है
    करेंगे करम खोटे ,रोना पछताना फिर
    'यशवन्त राज' कहता फिरे ज़ालिम ज़माना है॥

    बहुत बढ़िया ...हकीकत यही है यशवंत जी
    नए वर्ष की आप सबको शुभकामनाएं

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  5. बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    विलायत क़ानून की पढाई के लिए

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  6. अपने परिवेश की बदलती सच्चाईयों को सटीकता से उकेरती सुंदर भावप्रवण प्रस्तुति. आभार.
    सादर
    डोरोथी.

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  7. रोटी साग सब्जी दाल चावल नहीं भाता हमें
    पूरी और परांठे का गुज़रा ज़माना है
    चाउमीन चिकन डोसा इडली और पेटीज बर्गर
    यही नए ज़माने का हाईटेक खाना है॥
    bilkul

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  8. bahut hi satik vyangya hai. bahut achcha likha hai aapne.

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  9. बहुत बढ़िया
    नए वर्ष की आप सबको शुभकामनाएं

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  10. दुखी हैं दूसरे के सुख से ,अपने सुख से सुखी न कोई
    दौलत के अंधों ने सच्चाई को नहीं जाना है

    इन पंक्तियों में छुपे मर्म ने मुझे आपको शाबाश कहने और बधाई देने के लिए प्रेरित किया.

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  11. बहुत खूब यशवंत जी...
    पर शायद ये अपने-अपने माहौल और अपनी-अपनी पसंद की बात है...

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  12. अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
    तय हो सफ़र इस नए बरस का
    प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
    सुवासित हो हर पल जीवन का
    मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
    करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
    शांति उल्लास की
    आप पर और आपके प्रियजनो पर.

    आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर,
    डोरोथी.

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  13. सुन्दर रचना ...
    नया वर्ष शुभ हो ....

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  14. बहुत सटीक टिप्पणी..बहुत सुन्दर
    नए वर्ष की आप सबको शुभकामनाएं

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  15. यशवंत जी बहुत सार्थक प्रस्तुति है यह ...शुक्रिया
    xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
    आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...आशा है नव वर्ष आपके जीवन में नित नयी खुशियाँ लेकर आएगा ..शुक्रिया

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  16. आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद.

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  17. यह पोस्ट वर्ष 2010 की अंतिम और इस ब्लॉग की 121 वीं पोस्ट थी.

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