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26 April 2014
वह भी कुछ तप कर मुस्काए ...

10 comments:
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Pathar par pasine se sinchit upvan...kya vichaar hai ! Bahut badhiya yashwant ji :-)
ReplyDelete-सुंदर रचना...
ReplyDeleteआपने लिखा....
मैंने भी पढ़ा...
हमारा प्रयास हैं कि इसे सभी पढ़ें...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना...
दिनांक 28/04/ 2014 की
नयी पुरानी हलचल [हिंदी ब्लौग का एकमंच] पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...
आप भी आना...औरों को बतलाना...हलचल में और भी बहुत कुछ है...
हलचल में सभी का स्वागत है...
nice expression .
ReplyDeletenice expression .
ReplyDeleteआमीन ... काश ये कल्पना साकार हो सके ...
ReplyDeleteबहुत खूब ..
Bahut Sunder Baat....
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteआमीन...कोमल भाव !
ReplyDeleteकाश कि वो दिन भी आए … अति उत्तम विचार। शुभकामनाएं
ReplyDeletewaah, bahut hi achhi rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen