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21 December 2014

ज़िंदगी यूं ही चलती है

रातों के बीतने के साथ
सूरज के निकलने के साथ
एक तारीख गुजरती है
एक तारीख सँवरती है
ज़िंदगी यूं ही चलती है ।

कैलेंडर के पन्ने बदलते  हैं
राहों के सुर बदलते  हैं
कोई कहानी बनती है 
कोई कहानी बिगड़ती है 
जिंदगी यूं ही चलती है। 

धारा के बहने के साथ 
बाधाओं पर तैरने के साथ 
मंज़िल जब आ मिलती है 
खुशी अशकों में मिलती है 
जिंदगी यूं ही चलती है।

~यशवन्त यश©

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